रेप केस के आरोपी को बचाने लिये थानेदार ने की 5 लाख की डील, ACB ने 2 दलालों समेत तीनों को दबोचा
सिरोही. राजस्थान के सिरोही जिले से भ्रष्टाचार की शर्मनाक खबर सामने आई है. यहां भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) ने मंडार थानाधिकारी अशोक चारण सहित उनके दो दलालों को रेप केस (Rape Case) कमजोर करने की एवज में 4 लाख रुपये की रिश्वत लेते ट्रेप किया गया है. रेप केस को कमजोर करने के लिये एसएचओ ने 10 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी. लेकिन बाद में मामला पांच लाख में तय हुआ. आरोपी परिवादी से एक लाख रुपये पहले ही ले चुके थे. लेकिन बचे हुए चार लाख रुपये लेते हुए वे पकड़े गए. ब्यूरो पूरे मामले की जांच में जुटा है.
ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महावीर सिंह राणावत ने बताया कि मंडार एसएचओ अशोक चारण ने रेप केस को हल्का करने की एवज में आरोपी के परिवार वालों से 10 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी. लेकिन बाद में थानाप्रभारी के दलालों के माध्यम से यह मामला पांच लाख में तय हुआ. इस पर परिवादी ने ब्यूरो में इसकी शिकायत दर्ज कराई. शिकायत का सत्यापन कराया गया तो वह सही पाई गई. परिवादी रिश्वत के एक लाख रुपये पहले ही दे चुका था.
थाना इलाके के ढाबे पर लिये जा रहे थे रुपये
शेष चार लाख रुपये और देने थे. ये चार लाख रुपये मंडार थाना इलाके के एक ढाबे पर बुधवार को देना तय हुआ. एसीबी ने बुधवार को अपना जाल बिछाकर परिवादी को रुपये देकर भेजा. वहां परिवादी ने जैसे ही थानाप्रभारी के दलालों को रुपये थमाए ब्यूरो की टीम ने उनको दबोच लिया. पकड़े गए दलालों में अभिमन्यु सिंह वकील है और दूसरा अनिल उसका साथी है. बाद में उनसे हुई पूछताछ के बाद ब्यूरो की टीम ने मंडार एसएचओ अशोक चारण को भी गिरफ्तार कर लिया.
एसएचओ और वकील की पहले भी शिकायत हो चुकी है
बताया जा रहा है कि एसएचओ और उसके दलाल की पहले भी कई बार शिकायत की गई थी. लेकिन थानाधिकारी के रसूख के चलते उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाई. ब्यूरो के एएसपी राणावत का कहना है कि मामले की तफ्तीश की जा रही है. पूछताछ में और भी कई राज खुलने की भी संभावना है.
रेप केस के मामले में पहले पायदान पर है राजस्थान
उल्लेखनीय है कि हाल ही में एनसीआरबी की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में राजस्थान रेप के मामले में देशभर में पहले पायदान पर रहा है. सिरोही जिले में इससे पहले बरलूट थाने में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया था. उस समय बरलूट की तत्कालीन थानाधिकारी सीमा जाखड़ ड्रग्स तस्कर से 10 लाख रुपये लेकर उसे फरार करा दिया था. बाद में उसे इस मामले में सीमा जाखड़ को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था.