कचांदुर में हो रहा है 6 अवैध ईंट भट्ठों का संचालन, सोना उगलने वाली जमीन हो गई है बंजर
साल भर पहले खिनिज विभाग से शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
कचांदुर में हो रहा है 6 अवैध ईंट भट्ठों का संचालन, सोना उगलने वाली जमीन हो गई है बंजर
साल भर पहले खिनिज विभाग से शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
भिलाई (सुवांकर रॉय)। विकासखंड दुर्ग ग्राम पंचायत कचांदुर स्थाना जेवरा सिरसा अंतर्गत विगत 6 वर्षों से अवैध रूप से ईंट भट्ठे का संचालन किया जा रहा है। खनिज विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं किये जाने के फलस्वरूप कचांदुर में अवैध र्इंट भट्ठों की संख्या 1 से बढ़कर अब 6 हो गई है। कारर्वाई नहीं होने की वजह से ईटा भठ्ठा संचालकों के हौसले बुलंद हो गए हैं। वहीं खनिज विभाग पूरी तरह कुंभकरणी नींद में सोया हुआ है।
सीएम मेडिकल कॉलेज के पीछे कुछ ही दूरी पर 6 अवैध ईंट भट्ठों का संचालन किया जा रहा है। शिकायत के बाद भी खनिज विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की गई इसलिए अब इसकी संख्या 1 से बढ़कर 6 हो गया है। इन ईंट भट्ठों के कारण ग्रामीण काफी परेशान हैं। साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। राजस्व को होने वाले आय का भी नुकसान हो रहा है। वहीं खनिज विभाग पर भी प्रश्न चिन्ह उठने लगा है।
मिट्टी का अवैध खनन कर किया जा रहा उपयोग
बताया जाता है कि इन 6 ईंट भट्ठों में से एक को संचालन की अनुमति सिर्फ इसलिए दी गई थी कि वहां दीया और खपरेल का निर्माण किया जाएगा। वहीं ठेकेदार के रिश्तेदारों ने भी इसके आसपास 5 और अवैध र्इंट भट्ठे खोल लिए जिसका संचालन करीब 6 वर्षों से किया जा रहा है। मजे की बात है कि सभी ठेकेदार आपस में रिश्तेदार है। कोई भाई है तो कोई दामाद है। ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदारों द्वारा किसानों की जमीन को लीज में लेकर अवैध ईंट भट्ठों का संचालन किया जा रहा है। अवैध रूप से मिट्टी खनन कर उसका उपयोग ईंट बनाने के लिए किया जा रहा है। ईंट भट्ठे का संचालन आबादी से दूर होना चाहिए। मिट्टी खनन के लिए खनन विभाग की अनुमति जरुरी है। चिमनी रहना चाहिए जो लोहे के बजाय सीमेंट की होनी चाहिए। पर्यावरण लाइसेंस व प्रदूषण विभाग से अनुमति होना चाहिए। बताया जाता है कि इनमें से एक भी अनुमति ठेकेदरों द्वारा नहीं ली गई है।
खेती किसानी को हो रहा है नुकसान
कचांदुर में अवैध ईंट भट्ठों के कारण ग्रामीण सहित किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय किसानों ने बताया कि अवैध ईंट भट्ठों से निकलने वाली राखड़ खेती किसानी को बर्बाद कर रहा है। फसलों और घरों में राखड़ की काली पड़त जम जाती है। फसल बर्बाद होने के कारण खती नहीं करने से सोना उगलने वाली जमीन बंजर हो गई है। इन परेशानियों को देखते हुए किसानों ने खेती करना भी बंद कर दिया है।
क्षेत्र में फैल जाता है राखड़
ईंट निर्माण के बाद निकलने वाली राखड़ एक स्थान से जब दूसरे स्थान में ट्रैक्टरों के माध्यम से फेंकने के लिए ले जाया जाता है तो पूरे क्षेत्र में राखड़ की गुबार उड़ने लगता है। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। वहीं ईंट निर्माण के लिए गिली मिट्टी को लाया व ले जाया जाता है तो गिली मिट्टी पूरे सड़क में फैल जाता है। सड़क पर चलना दुभर हो जाता है। गिली मिट््टी से फिसलन के कारण लोग सड़क पर गिरकर घायल हो रहे हैं।
इन ठेकेदरों द्वारा संचालिन किया जा रहा है ईंट भट्ठा
ग्रामीणों ने बताया कि विकासखंड दुर्ग के ग्राम पंचायत कचांदुर थाना जेवरा सिरसा में कुल 6 ईंट भट्ठा संचालित है। सभी ठेकेदार आपस में रिश्तेदार है। मुन्ना पढ़े का 1, बुधारू पढ़े का 2, भैय्यालाल पढ़े का 1 तथा गोविंद पढ़े द्वारा 2 र्इंट भट्ठों का संचालन किया जा रहा है।
कार्रवाई के लिए साल भर से लगा रहे खनिज विभाग का चक्कर
इस सबंध में ग्राम पंचायत कचांदुर के सचिव शिव प्रसाद साहू ने बताया कि ग्राम पंचायत द्वारा इन अवैध ईंट भट्ठों पर कार्रवाई के लिए प्रस्ताव बनाकर करीब 1 वर्ष पहले खनिज विभाग पत्र प्रेषित किया गया था। लेकिन 1 वर्ष बितने के बाद भी खनिल विभाग द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कार्रवाई के लिए पंचायत प्रतिनिधि कई बार खनिज विभाग का चक्कर लगा चुके हैं।
सभी र्इंट भट्ठे अवैध है
ग्राम पंचायत कचांदुर की सरपंच श्रीमती झामिन साहू से इस विषय में जानकारी के लिए फोन किया गया तो मोबाइल उनके पति ने बिसंभर साहू ने रिसीव किया। वे पहले तो जानकारी देने से बचते नजर आए लेकिन फिर बाद में कहा कि सभी ईंट भट्ठे अवैध रूप से संचालित है। शिकायत के बाद भी खनिज विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।
शीघ्र की जाएगी कार्रवाई-मिश्रा
इस संबंध में जब जिला खनिज अधिकारी दीपक मिश्रा से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि अगर ग्राम पंचायत द्वारा शिकायत की गई है तो शीघ्र ठोस कार्रवाई की जाएगी।