आजादी की लड़ाई में आदिवासियों की भूमिका महत्वपूर्ण-बघेल
विश्व आदिवासी दिवस परम मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को किया पुरस्कृत
रायपुर । प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आजादी की लड़ाई में आदिवासियों की भूमिका अहम रही है। विश्व आदिवासी दिवस पर मैं सभी आदिवासी महापुरुषों को नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि अबुझमाड़ में सैकड़ों आदिवासियों को सर्वे का लाभ मिला है। अब वे बैंक से लोन ले सकेंगे।
विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने उक्त बातें कही। उन्होंने मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मां दंतेश्वरी की पूजा अर्चना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद आदि विद्रोह एवं अन्य पुस्तिकाओं का विमोचन किया। इन पुस्तिकाओं का प्रकाशन आदिम जाती अनुसंधान प्रशिक्षण संस्थान द्वारा किया गया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर एकलव्य आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया। तदुपरांत उदंती टाइगर रिजर्व जिला गरियाबंद के कुल्हाड़ी घाट कठवा को सामूदायिक वन संसाधन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किया गया। इसके साथ ही सीता नदी टाइगर रिजर्व धमतरी के ग्राम लिखमा, विनया डी, मैनपुर को सामूदायिक वन संसाधन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आदिवासी संस्कृतियों को सहेजने का काम कर रहे हैं। आदिवासी संस्कृति छत्तीसगढ़ का गौरव है। उन्होंने कहा कि आदिवासी अंचल में हमने मलेरिया से निपटने के लिए संघन अभियान चलाया है। परिणाम स्वरूप मलेरिया में 65 प्रतिशत की कमी आई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां निवास कार्यालय में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में आदिम जाति अनुसंधान प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रकाशित 'आदि विद्रोह' एवं 44 अन्य पुस्तिकाओं का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में वन अधिकार के प्रति ग्राम सभा जागरुकता अभियान के कैलेण्डर, अभियान गीत तथा सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (चारगांव जिला कांकेर) के वीडियो संदेश का भी विमोचन किया। छत्तीसगढ़ के आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की श्रृंखला में एवं विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आदिवासी जनजीवन से संबद्ध विभिन्न आयामों को अभिलेखीकृत करने का कार्य किया गया है, संस्थान द्वारा 44 पुस्तकें प्रकाशित की गई है। आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा जल-जंगल-जमीन शोषण, उत्पीड़न से रक्षा एवं भारतीय स्वतंत्रता के लिए समय-समय पर आदिवासियों द्वारा किये गये विद्रोहों एवं देश की स्वतंत्रता हेतु विभिन्न आंदोलनों में अग्रणी भूमिका निभाने वाली वीर आदिवासी जननायकों की शौर्य गाथा को प्रदर्शित करने आदि विद्रोह छत्तीसगढ़ के आदिवासी विद्रोह एवं स्वतंत्रता संग्राम के आदिवासी जननायक पुस्तिका तैयार की गयी है। इस पुस्तक में 1774 के हलबा विद्रोह से लेकर 1910 के भूमकाल विद्रोह एवं स्वतंत्रता पूर्व तक के विभिन्न आंदोलन जिसमें राज्य के आदिवासी जनजनायकों की भूमिका का वर्णन है। इस कॉफीटेबल बुक का अंग्रेजी संस्करण The Tribal Revolts Tribal Heroes of Freedom Movement and the Tribal Rebellions of Chhattisgarh के नाम से प्रकाशित की गई है।