‘साई शरणागत’ की नाट्य प्रस्तुति साईं धाम कुम्हारी में 13 को
संवादों का पार्श्व स्वर रिकॉर्डिंग समाप्ति की ओर
भिलाई। श्री साई सतचररित्र मूल ग्रंथ (मराठी भाषा) के रचयिता कै. गोविंदराव रघुनाथ दाभोलकर (हेमाडपंत) का हिन्दी अनुवाद श्री शिवराम ठाकुर एवं विशेष सहायक प्रो. आद्याप्रसाद प्रसाद त्रिपाठी ने किया। श्री साई के जीवनी पर आधारित साई लीलाओं का संक्षेप में नाट्य रूपांतरण ‘साई शरणागत’ साई धाम कुम्हारी के परम पूजनीय बाबा जी के प्रेरणा से छत्तीसगढ़ अंचल के रंगकर्मी शक्ति पद चक्रबर्ती ने किया है।
‘साई शरणागत’ की नाट्य प्रस्तुति कुम्हारी स्थित सार्इं धाम में 13 जुलाई को शाम 6 बजे से आयोजित है। पार्श्व स्वर रिकॉर्डिंग बरुण चक्रवर्ती तथा विकास (बंटी) मेश्राम के निर्देशन में सारथी चक्रवर्ती तथा साई चक्रवर्ती द्वारा किया जा रहा है। सभी पात्रों के संवादों का पार्श्व स्वर रिकॉर्डिंग लगभग समाप्ति की ओर है। रिकॉर्डिंग परूष कंठ स्वर पूर्णेंदु भट्टाचार्य (दिल्ली), राकेश बंबारडे, गुलाम हैदर, नितेश ठाकुर, शकील खान, कमरुज्जमा खान, लखेश्वर साहू, राकेश शुक्ला, धर्मेंद्र राव, बबलू बिस्वास, सुजीत भट्टाचार्य,जय कसेर, तपन चक्रवर्ती, काजोल चक्रवर्ती, सौम्य चक्रवर्ती, सारथी चक्रवर्ती, पार्थो चक्रवर्ती,साई चक्रवर्ती, शक्ति चक्रवर्ती,महिला कंठ स्वर चित्रा रॉय, सोनाली चक्रवर्ती, गौतमी चक्रवर्ती, सहेली चक्रवर्ती, नीलिमा चक्रवर्ती, तृष्णा चक्रवर्ती,बाल कंठ स्वर प्रिशा भट्टाचार्य, अरित्र चौधरी ने दिया है ।
पार्श्व स्वर रिकॉर्डिंग के लिये गये कंठ स्वर की विशेषता यह है कि इसमें नाटक एवं फिल्म के प्रतिष्ठित कलाकारों के साथ ही साथ विशुद्ध रूप से नवीन उदयीमान कलाकार एवं गृहिणीयों ने अपना स्वर प्रदान किया है ।