मित्तल हॉस्पिटल की लापरवाही से गई मरीज की जान
भिलाई। दल्ली राजहरा से बुजुर्ग महिला का इलाज करवाने के लिए परिवार भिलाई पहुंचा जहा एक निजी हॉस्पिटल ने उसे एम्स के लिए रेफर किया। इस बीच एंबुलेंस चालक ने पीड़ितों को कहा कि दूसरे निजी अस्पताल में हो जाएगा इलाज। परेशान परिवार मान गया और परिवार द्वारा नेहरू नगर स्तिथ मित्तल हॉस्पिटल में मरीज को भर्ती कराया गया। जहां गुरुवार की रात में बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। इस बीच अस्पताल प्रबंधन ने पीड़ित परिवार से लगातार दवा व इलाज का पैसा लिया। पीड़ित परिवार शुक्रवार को सुबह 8 बजे से दोपहर तक अस्पताल के सामने अपनी बात रखने की कोशिश करता रहा। पीड़ित परिवार का कहना था कि न तो सही बिल मिला और न सही इलाज किए। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम किया है। अब बुजुर्ग का पीएम करने चिकित्सकों की टीम गठित की जा रही है, वे शनिवार को पोस्ट मार्टम करेंगे।
आयुष्मान योजना से इलाज करने की हुई थी बात मृतका के बेटे कमलेश ने बताया की मित्तल हॉस्पिटल मे मरीज को दाखिल करते वक्त हॉस्पिटल प्रबंधन ने कहा कि 30 हजार रुपए तक में इलाज हो जाएगा। शेष रकम आयुष्मान योजना से काट लेंगे। इसके बाद जब भर्ती कर दिए तो दवा और नकद जमा कराना शुरू कर दिए। पैसा खत्म होने लगा तो परिवार परेशान हो गया।
यूथ कांग्रेस के फिरोज खान ने बताया कि मित्तल हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा मृतक के परिवार से आयुष्मान योजना से इलाज करने की बात कही गई थी। लेकिन लगातार परिवार के सदस्यों से बाहर से लाखो रूपये का दवा मंगाया गया और पीड़ित परिवार को प्रबंधन न तो बिल दे रहा था और न उनके साथ न्याय कर रहा था। जिसकी वजह से यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को सामने आकर चर्चा करना पड़ा। इस मामले मे उच्चस्तरी जांच करने की मांग की जाएगी।
शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी जानकारी मिली कि अस्पताल प्रबंधन शव रोक रहा है तो फोन करके कहा कि शव को नहीं रोका जाए। प्रबंधन ने कहा कि शव रोका नहीं है। इसके आगे जो शिकायत आएगी उसकी जांच की जाएगी।
डॉ.जेपी मेश्राम, सीएमएचओ दुर्ग