यातायात नियमों के उल्लंघन पर दुर्ग पुलिस ने 450 लोगों का काटा चालान
दुर्ग। दूसरे दिन कटा 450 से अधिक वाहन चालको का चालान काटा गया।पटेल चौक में स्वयं पुलिस अधीक्षक एवं राजपत्रित अधिकारियों द्वारा यातायात नियमों का पालन नहीं करने वाले के पर कार्यवाही की गई। कुल-10 अधिक सड़क दुर्घटना वाले स्थानों पर वाहन चेकिंग पाईट लगाया गया है। वहीं यातायात नियमों का पालन कर वाहन चलाने वाले को फूल देकर प्रोत्साहित किया गया ।
दिनांक 12 दिसंबर 2022 को हुए सडक सुरक्षा समिति की बैठक में पुष्पेन्द्र मीणा, जिला दण्डाधिकारी दुर्ग एवं पुलिस अधीक्षक दुर्ग डॉ. अभिषेक पल्लव* के द्वारा सड़क दुर्घटनाओ का विश्लेषण के आधार पर पाया गया कि अधिकतर सडक दुर्घटना में मृतक के द्वारा दो पहिया वाहन में तीन सवारी, बिना हेलमेट, शराब का सेवन कर वाहन चलाना, बिना सीट बेल्ट लगाये चार पहिया वाहन चलाना एवं नाबालिक के द्वारा वाहन चलाते पाये गये जिस पर भविष्य ऐसी सडक दुर्घटनाओ को रोकने के लिए 02 दिवस पूर्व वाहन चालको को समझाईस दिया गया था आज दूसरे दिन पटेल चौक में *पुलिस अधीक्षक, दुर्ग, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर/ग्रामीण) एवं नगर पुलिस अधीक्षक, दुर्ग, उप पुलिस अधीक्षक (यातायात), थाना पुलगांव का बल तथा आईजी रिजर्व बल* के द्वारा सख्त कार्यवाही करते हुऐ *पटेल चौक में 312 कार्यवाही* किया गया साथ ही साथ जिले के कुल-10 ऐसे स्थानो का चयन किया गया जहां पर सडक दुर्घटनाएं पूर्व में अधिक हुई है। आज के इस अभियान कार्यवाही में यातायात पुलिस दुर्ग द्वारा 10 स्थानो पर वाहन चेकिंग पाइंट लगाया गया जिसमें *बिना हेलमेट 198, तीन सवारी 94, शराब का सेवन 17, बिना सीट बेल्ट 148, एवं नाबालिक के द्वारा वाहन चलाते पाये जाने पर 12 कुल-469 कार्यवाही की गई यह कार्यवाही आगे निरंतर जारी रहेगा ।* दुर्ग पुलिस द्वारा यातायात नियमों का पालन कर वाहन चलाने वाले चालकों को फूल देख कर प्रोत्साहित किया गया। यातायात पुलिस द्वारा जिले के 06 प्रमुख स्थान *सूर्या मॉल चौक ,सिविक सेंटर ,पटेल चौक ,सुपेला थाना ,सिरसा गेट चौक* में अस्थाई यातायात सहायता केंद्र का निर्माण किया गया।
*अपील* -यातायात पुलिस दुर्ग सभी आम नागरिकों से लगातार अपील करते आ रही है कि वाहन चलाते समय सदैव यातायात नियमों का पालन कर वाहन चालन करे ताकि स्वयं भी सुरक्षित रहे और सामने वाले को सुरक्षित आवागमन करने दे जिससे आप किसी गंभीर सडक दुर्घटना कि शिकार नहीं होगें।