चारा घोटाले से भी गंभीर छत्तीसगढ़ का गोठान घोटाला, CBI जांच की मांग
दुर्ग। भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू ने घोटालों के नाम पर 13 सौ करोड़ रुपए के भारी दुरुपयोग का आरोप प्रदेश सरकार पर लगाया और मांग की है कि बिहार के चारा घोटाले की तर्ज पर इस गोठान घोटाले की जांच सीबीआई से कराई जाए। श्री साहू ने दो टूक शब्दों में कहा कि गौ माता के नाम पर कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने बिहार के चारा घोटाले से भी बड़ा घोटाला किया है। प्रदेश सरकार के इन गोठानो में ना ही गाय है ना ही गोबर है। किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू ने सोमवार को जिला भाजपा कार्यालय पत्रकार वार्ता ली आयोजित पत्रकार वार्ता मे जिलाध्यक्ष जितेंद्र वर्मा, जिला महामंत्री ललित चंद्राकर, सुरेंद्र कौशिक, मंत्री आशीष निंमजे, मीडिया प्रभारी राजा महोबिया, सह मीडिया प्रभारी राकेश दुग्गड, किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष विनायक ताम्रकार उपस्थित थे।
भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू ने बताया कि पार्टी ने ‘चलबो गोठान खोलबो पोल’ अभियान चला कर प्रदेश के 3,948 गौठानों तक पहुंच कर वहां के घोटालों और गड़बडियों को देखा। अनेक जगह कांग्रेस की गुंडागर्दी सहते हुए, सत्ता की हिंसा आदि झेलते हुए भी कार्यकर्ताओं ने अपनी जान पर खेल कर प्रदेश भर से आंकड़े जुटायें हैं। कई जगह तो मीडिया के कैमरे के सामने भी कांग्रेसियों ने मारपीट की। हमारे कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला भी किया।गोठान के नाम पर चल रहे गोरखधंधे में कांग्रेस सरकार ने सबसे अधिक पंचायतों/सरपंचों के अधिकार पर ही डाका डाला गया है। विभिन्न मदों में पंचायतों के विकास के लिए आयी राशि को सरपंचों से छीन कर सीधे उसे अनेक बहानों के साथ बंदरबांट कर लिया गया है।
श्री साहू ने आगे कहा कि विगत 20 मई से चलाए गए एक महीने के प्रदेशव्यापी इस अभियान में पार्टी के सभी पदाधिकारी तथा कार्यकर्ताओं द्वारा निरीक्षण करने पर यह पाया कि गोठानों में मूलभूत सुविधाओं जैसे पानी की व्यवस्था, शेड की व्यवस्था, चारा की व्यवस्था, गोबर खरीदी बिक्री की व्यवस्था, व गोबर से वर्मी खाद बनाने की व्यवस्था आदि सभी दावे केवल झूठ के पुलिंदे और कागजी हैं।
प्रदेश के वन्य क्षेत्र जैसे सूरजपुर, बलरामपुर, सरगुजा के इलाकों से लेकर बस्तर तक में अधिकांश स्थानों पर गौठानों में एक भी गाय नहीं रही हैं। अधिकारियों के आने पर यहां गाय को इकट्ठा कर फोटोग्राफी करवा कर फिर गोठान खाली करवा दिए जाते हैं। गोठानों की स्थिति जर्जर है, तथा ज्यादातर गोठान दूर जंगल में हैं। चारा व पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण गाय को गोठान में नहीं रखा जा सकता।
पवन साहू ने कहा कि गोठानों में हर महीने 10 हजार रुपयों का खर्च प्रति गोठान के हिसाब किया जा रहा है और गोबर भी बेचा जा रहा है। जब गोठान में पशु ही नहीं हैं तो गोबर की बिक्री कहां हो रही है? जल व्यवस्था व शेड के अभाव में गाय नहीं रखे जा सकते हैं। गांव की गाय रोड पर पायी जाती हैं और गोठान खाली रहते हैं।
बस्तर के दुरस्थ वन ग्रामों में तो स्थिति और भी गंभीर है। यहां न तो कोई गोठान का ढांचा दिखता है और न ही पानी के लिए बोर की व्यवस्था है। प्रति गोठान 8 लाख 19 हजार रुपए खर्च करने के बावजूद भी ऐसा कोई ढांचा गोठानों में दिखाई ना पड़ा और न ही कोई पशुधन गोठानों में नजर आ रहे हैं।
अनेक स्थानों पर ग्रामीणों ने बताया की गोठान में मूलभूत सुविधाओं के अभाव में पशुधन नहीं रखे जा सकते हैं, तो गोबर खरीदी, गौमूत्र खरीदी, वर्मी कंपोस्ट तो दूर की बात है। सरकार से प्राप्त राशि के उपयोग कहीं भी देखने को नहीं मिला। अधिकांश स्थानों पर गोठानों में कार्यरत समिति के कार्यकर्ताओं को गौठान में कार्य करने का मेहनताना पिछले कई महीनों से नहीं दिया गया है। किसानों को जबरदस्ती वर्मी कम्पोस्ट के नाम पर प्रति एकड़ दो बोरी के हिसाब से मिट्टी पकड़ा दी जा रही है। ऐसे-ऐसे परिवारों ने लाखों के गोबर बेच दिए हैं जिनके यहां एक भी गाय नहीं है। प्रदेश में 1,976 लोग हैं जिन्हें 1 लाख से अधिक राशि का भुगतान गोबर के नाम पर किया गया है।
किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू ने बताया कि प्रदेश में 9290 गौठान का दावा है, परंतु 2023-24 में 175 करोड़ की बजट राशि लेने वाली इन गौठानों में से 80% गौठानों में गाय रहती ही नहीं। प्रत्येक गौठान में 300 गाय रखने का नियम है। 2022 के एक ही महीने में 3 गौठानों में 150 गायों की मौत भूख, प्यास और घुटन से हो गयी। इनमें से एक गौठान ‘अचानकपुर’ में एक दिन में 25 गायों की मौत हुई, वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र में पड़ती हैं। इसी तरह आदर्श दर्जा प्राप्त सचादुर गौठान से रातों-रात हिस्ट्रीशीटर गौ तस्करों ने 40 से 50 गायों की चोरी को अंजाम दिया।
मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, 14वां वित्त, 15 वां वित्त, LWE, रुर्बन, DMF जैसे योजनाओं से गांव के विकास के लिए भेजे गयी सारी राशि गौठान के नाम पर लेकर डकार लिया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में रोड नाली के विकास के लिए दिए गए पैसों को गौठानों के माध्यम से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को दे कर भ्रष्टाचार किया है।
ये केवल कुछ उदाहरण हैं, जिससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि कितना बड़ा घोटाला, कैसी लूट कांग्रेस की सरकार ने मचायी है। झूठ का नरवा, गरबा का सपना दिखा कर प्रदेश को कांग्रेसियों का चारागाह बना कर रख दिया है भूपेश बघेल ने। मुख्यमंत्री के इस निंदनीय आचरण की जितनी निंदा की जाय वह कम है।
किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू ने भाजपा के सवाल जो इस प्रकार है :-
किसी गौठान में गाय नहीं है तो 9290 गौठानों में प्रति गौठान 19 लाख रुपए के हिसाब से 1765 करोड़ पैसे कहां खर्च हुए? किसकी जेब में गए?
कांग्रेस सरकार प्रति गौठान 10 हज़ार प्रति माह रखरखाव खर्च देने की बात कर रही है, तो 9 करोड़ 29 लाख रुपया अर्थात् सालाना लगभाग 125 करोड़ रुपए किसकी जेब में जा रहे हैं?
गौठानों के निरीक्षण के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं पर हुए हमलों की शिकायत पर प्रशासन किसके दबाव में कारवाई नहीं कर रहा है?
प्रदेश भर में सड़कों पर जानवरों का डेरा रहता है, जिसके कारण बड़ी संख्या में जानें जा रही हैं। आखिर इन तमाम हत्याओं की ज़िम्मेदारी क्यों नहीं तय की जाय? बहु प्रचारित रोका-छेका का क्या हुआ?
सरपंचों के अधिकार को हड़प कर पंचायती राज की भावना को पलीता लगाते रहने के लिए, लगातार सरपंचों को क़र्ज़दार बना कर अपमानित करते रहने के लिए कांग्रेस क्यों जवाब नहीं दे रही है?
कांग्रेस सरकार विधानसभा में 269 करोड़ के गोबर ख़रीदी का कोई हिसाब नहीं दे पायी? कहां गए ये पैसे? ये रक़म कांग्रेस के खाते से क्यों नहीं ज़ब्त की जानी चाहिए?
वर्मी कम्पोस्ट के नाम पर लगातार किसानों से ठगी करने वाली, उन्हें खाद के नाम पर गिट्टी-मिट्टी खरींदे को मजबूर करने वाली भूपेश सरकार के पास इसका क्या जवाब है?
पवन साहू गौठान से संबंधित सभी तथ्य एक श्वेत पत्र के माध्यम से जनता के बीच क्यों नहीं रखती है सरकार? इस तरह बेदर्दी से गोमाताओं के नाम पर संसाधनों की लूट मचाने वाले कांग्रेस सरकार को शर्म क्यों नहीं आती?
कांग्रेस की बदइंतज़ामी के कारण प्रदेश भर में पशु तस्कर और माफ़ियाओं का जाल बिछ गया है, उससे निपटने के लिए अभी तक क्या कारवाई की है सरकार ने?
हम इस पूरे रिपोर्ट को कंपाइल कर तमाम जांच एजेंसियों को भेजेंगे। हम यह मांग करते हैं कि चारा घोटाले की तर्ज़ पर ही इस घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं ताकि प्रदेश के जनता की गाढ़ी कमाई को बेदर्दी से लूटने वाले लोगों को कड़ी सजा मिल पाए ताकि भविष्य में कोई भी ठग, इस तरह हमारे सपनों, हमारी भावनाओं के साथ खेल कर लूट-खसोट न कर पाये।