दुर्ग जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते गई युवक की जान, चाईनीज मांझा से कट गया गला, एक बालक गंभीर
भिलाई। भिलाई में चाइनीज मांझे से गला कटने से एक युवक की मौत हो गई। युवक अपने 5 साल के रिश्तेदार के साथ बाइक से जा रहा था। रिश्तेदार भी सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया है। खास बात यह है कि प्रदेश में मांझे से पहली बार कोई मौत हुई है। एक तरफ से देखा जाए तो यह दुर्ग जिला प्रशासन की बहुत बड़ी लापरवाही है क्योंकि कई बार समाचारों के माध्यम से दुर्ग जिला प्रशासन को सचेत किए जाने के बाद भी उनके द्वारा किसी भी चाइनीस मांझा विक्रेता पर कार्रवाई नहीं की गई। और इसका खामियाजा युवक को अपनी जान देकर भुगतना पड़ा। इस मौत के बाद दुर्ग जिला प्रशासन के नींद से जागने की उम्मीद है। पिछले साल जब कलेक्टर दुर्ग पुष्पेंद्र मीना से समाचार प्रकाशित कर इस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। समाचार प्रकाशन के अगले दिन ही दुर्ग में एक बच्चे के गले का नस चाइनीस मांझा से कट गया था। उसके बाद भी कोई कार्रवाई अब तक नहीं की गई।
जी केबिन निवासी अज्जू (18 वर्ष) पुत्र विरेंद्र सोमवार सुबह करीब 10.30 बजे अपने एक रिश्तेदार बिहान (5 वर्ष) के साथ बाइक पर किसी काम से निकला था। इस दौरान भिलाई-3 में देव बलौदा जाने वाली रोड पर कुछ लड़के पतंग उड़ा रहे थे। तभी वहां से बिहान के साथ अज्जू बाइक पर निकला।अचानक से पतंग का मांझा बाइक चला रहे अज्जू के गले में फंसा और उसका गला कट गया। इसके बाद वह और बिहान बाइक सहित सड़क पर जा गिरे। आसपास के लोगों ने देखा तो पुलिस को सूचना दी। इसके बाद उन्हें लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले जाया गया।वहां अज्जू और बिहान की हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने दोनों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जहां उपचार के दौरान अज्जू ने दम तोड़ दिया। वहीं सिर पर चोट लगने के कारण बिहान की हालत गंभीर बनी हुई है।
पिछले साल जनवरी 2023 में भी हुआ था हादसा, कट गया था गले का सांस नली
पिछले साल जनवरी 2023 में चाइनीज मांझा के कारण महावीर कॉलोनी दुर्ग निवासी 5 साल के बच्चे की जान खतरे में पड़ गई थी। पिता विकास जैन के साथ बाजार जाते वक्त, पेंच लड़ा रहे बच्चों की पतंग का मांझा स्कूटी पर पीछे बैठे बच्चे के गले में फंस गया।स्कूटी आगे बढ़ने के साथ ही तनाव बढ़ते जाने से उसकी सांस की नली व दिमाग से हार्ट तक खून पहुंचाने वाली जुगलर वैन कट गई। अच्छा यह रहा कि प्रेशर से खून निकलने से बच्चे के पिता घबराए नहीं, सीधे नेहरू नगर के पल्स हॉस्पिटल पहुंच गए। जहां सर्जरी कर नली व वेन को जोड़ा।