सावधान: एगरोल की दुकानों में परोसा जा रहा मौत, मिलावटी टॉमेटो सॉस के लोग हुए दीवाने

बाजारों में बिक रहा केमिकल युक्त निम्न क्वालिटी का टॉमेटो सॉस, फिर भी चाव से चख रहे लोग

सावधान: एगरोल की दुकानों में परोसा जा रहा मौत, मिलावटी टॉमेटो सॉस के लोग हुए दीवाने

(सुभांकर रॉय)
दुर्ग। जिले के लॉकडाउन और कोरोना काल में  लोगों की नौकरी जाने के बाद कई सारे फास्ट फूड की दुकानें खुल गई है। इनमें कई दुकान ऐसे भी हैं जहां निम्न स्तर का तेल व केमिकल युक्त घटिया किस्म के टॉमेटो सॉस का उपयोग किया जा रहा है। इसे भी लोग बड़े चाव से चखते हुए नजर आते हैं।
दुर्ग जिले में संचालित फास्टफूड की 90 फीसदी दुकानों में केमिकल युक्त घटिया किस्म के टॉमेटो सॉस का उपयोगि किया जा रहा है। वहीं मात्र 10 फीसदी ही ऐसे व्यापारी है जो अपने ग्राहकों को परोसने वाले खाद्य सामग्रियों में उच्च क्वॉलिटी का सामान उपयोगि करते हैं। 90 फीसदी व्यापारी अधिक  मुनाफा कमाने के चक्कर में केमिकल युक्त सामानों का उपयोग कर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। 

लोकल और ब्रांडेड टॉमेटो सॉस में करीब 100 रु. का अंतर
जिले के अधिकतर एग रोल की दुकानों में केमिकल युक्त घटिया किस्म के सॉस का उपयोग किया जा रहा है। केमिकल युक्त सॉस के एक लीटर का मूल्य बाजार में करीब 30 से 35 रुपए हैं। वहीं ब्रांडेड टॉमेटो सॉस की कीमत करीब 130 रुपए हैं। व्यापारियों द्वारा अधिक मुनाफा कमाने के  चक्कर में लंबे समय से ग्राहकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बाजारों में बिकने वाले निम्न क्वॉलिटी के टॉमेटो सॉस को चखते ही उसमें से केमिकल का गंध आने लगता है। स्वाद से ही पता चल जाता है कि इसमें मिलावट है। कलर देख बड़े आसानी से समझा जा सकता है कि इसमें लाल रंग मिलाया हुआ है फिर भी स्वाद के दीवाने इसे बड़े चाव से खाते नजर आते हैं। यह जानने की कोशिश नहीं करते कि जिस टॉमेटो सॉस को वे चाट चाटकर चखते हैं कहीं उसमें मिलावट तो नहीं है।