प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय दुर्ग द्वारा व्यसन मुक्ति चित्र प्रदर्शनी का आयोजन
दुर्ग। "विश्व तंबाकू दिवस निषेध दिवस" के उपलक्ष्य में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय केलाबाड़ी दुर्ग द्वारा व्यसन मुक्ति चित्र प्रदर्शनी का आयोजन रेलवे स्टेशन दुर्ग में किया गया। जिसका उद्घाटन दीप प्रज्वलित करके स्टेशन मास्टर लखविंदर सिंह मुंगेरा और वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी पूर्णिमा बहन जी द्वारा किया गया। इस चित्र प्रदर्शनी को देखने के लिए बड़ी संख्या में यात्री उपस्थित थे। इस चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन स्टेशन मास्टर लखविंदर सिंह मुंगेरा द्वारा भी किया गया। आपने उपस्थित यात्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह चित्र प्रदर्शनी तंबाकू एवं शराब से होने वाले शारीरिक, आर्थिक एवं सामाजिक नुकसान के प्रति लोगों के अंदर जागृति लाने के लिए बहुत ही उपयोगी है। साथ साथ इस चित्र प्रदर्शनी में व्यसन मुक्ति के लिए सहज उपाय भी बताया गया है। ब्रह्माकुमारीज दुर्ग के इस आयोजन की भूरी-भूरी प्रशंसा की और आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया ।
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी पूर्णिमा बहन जी ने बताया कि इस चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन शाम 7:00 बजे तक किया जा सकता है। अध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग के अभ्यास से व्यसन मुक्त होने में बहुत मदद मिलती है। इस चित्र प्रदर्शनी से प्रेरित होकर राजयोग मेडिटेशन के लिए इच्छुक व्यक्तियों के लिए नि:शुल्क राजयोग शिविर का भी आयोजन ब्रह्माकुमारीज के स्थानीय सेवाकेंद्रों में किया जाएगा। चित्र प्रदर्शनी देख प्रेरित होकर लोगों ने अपने व्यसनों का दान, ब्रह्माकुमारीज के द्वारा रखे गए *व्यसन दान पेटी* में किया।
ब्रह्माकुमारीज़ दुर्ग की संचालिका ब्रह्माकुमारी रीटा बहन ने अपने शुभ संदेश में कहा कि प्रत्येक व्यक्ति जन्म से अच्छे संस्कारों वाला ही होता है किंतु संग के रंग के प्रभाव के फलस्वरूप व्यसन व बुरी आदतों के वशीभूत हो जाता है कई इंसानो में हमने देखा कि व्यसन को छोड़ना चाहते हैं किंतु आत्म बल व आत्मिक शक्ति नहीं होने के कारण वे इन बुराइयों से मुक्त नहीं हो पाते इसलिए ब्रह्माकुमारीज में निराकार परमपिता परमात्मा "शिव" के द्वारा सिखाया जाने वाला राजयोग को जब हम सीखते हैं और हम आत्माओं का परमपिता परमात्मा के साथ कनेक्शन जुड़ जाता है तो जो परमात्मा शक्तियां है वह हम आत्माओं में आने लगती हैं उसके फलस्वरुप हम आत्माओं में आत्मिक शक्ति का विकास होने लगता है और सहज रूप से इन व्यसनों व बुराइयों से हम सहज ही मुक्त हो सकते हैं ।