छत्तीसगढ़ की जान है दुर्ग जिला, इसलिए जिम्मेदारी भी अधिक-डॉ. पल्लव

दुर्ग जिला पुलिस द्वारा एसपी के नेतृत्व में एक नए अध्याय की शुरूआत

छत्तीसगढ़ की जान है दुर्ग जिला, इसलिए जिम्मेदारी भी अधिक-डॉ. पल्लव

दुर्ग जिला पुलिस द्वारा एसपी के नेतृत्व में एक नए अध्याय की शुरूआत

जनता ओर पुलिस की बीच दूरी कम करने लगातार प्रयास जारी

भिलाई Crime Don । दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ की जान है। कई महत्वपूर्ण शहरों में से एक है। इसलिए दुर्ग पुलिस की जिम्मेदरी और बढ़ जाती है। लगातार पैदल मार्च करते हुए आम जनता से संवाद किया जा रहा है। उनके द्वारा किए जा रहे शिकायतों पर तुरंत कार्यवाही की जा रही है। जनता ओर पुलिस की बीच के दूरी को लगातार कम करने का प्रयास किया जा रहा है। आने वाले वाले समय में दुर्ग पुलिस ज्यादा चुस्त, दुरुस्त एक्टिव, प्राम्ट दिखेगी और यह हर टीम में दिखेगी। उक्त बातें दुर्ग पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव ने मीडिया से चर्चा के दौरान कही।
दुर्ग जिला पुलिस द्वारा एसपी के नेतृत्व में आज से एक नए अध्याय की शुरूआत की गई। बुधवार 31 अगस्त को होटल आशीष इंटरनेशनल में प्रेस एवं पुलिस मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान दुर्ग पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) संजय कुमार ध्रुव,  अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) विश्वास चन्द्राकर, सीएसपी दुर्ग अभिषेक झा, सीएसपी भिलाई नगर नसर सिद्दीकी, उप पुलिस अधीक्षक यातायात गुरजीत सिंह सहित दुर्ग के सभी थाना क्षेत्र के अधिकारी सहित प्रिंट, इलेक्ट्रानिक एवं वेब पोर्टल के मीडिया कर्मी बड़ी संख्या उपस्थित थे। इस दौरान बेहतर पुलिसिंग को लेकर चर्चा करने के साथ ही पत्रकारों से सुझाव भी मांगे गए। 
पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव ने अपने उद्बोधन में कहा कि कई बार लोगों द्वारा यह शिकायत की जाती है कि जुआ-सट्टा पर पुलिस की संलिप्तता है, इसे ध्यान में रखते हुए पिछले ढाई साल से जो थाने में जमे हुए थे उन सभी पुलिस कर्मियों का ट्रांसफर कर दिया गया है। ऐसे पुलिस कर्मी जो दो-ढाई महिना दूसरे थाने में ड्यूटी कर फिर पुराने थाने में पदस्थ हो जाते हैं। ऐसे कर्मियों की सूची मंगवाई गई है। ताकि कोई भी कर्मी ढाई साल से ज्यादा किसी पुलिस थाने में न रहे। जन प्रतिनिधियों से चर्चा कर जहां भी शिकायत मिलेगी वहां कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि 2020-2021 में कोरोना के कारण लॉन डॉउन था तो क्राइम कम था। उस हिसाब से देखा जाए तो 2021-22 में क्राइम काफी कम हुए। उन्होंने यह भी कहां कि दुर्ग जिले में एक भी दबाव डालकर बलात्कार का मामला नहीं है। बलात्कार के जो मामले दर्ज है वह शादी का झांसा देकर के मामले हैं। इस पर 376 के तहत  अपराध पंजीबद्ध किया गया है। पिछले चार माह में 5 से 10 लाख के ऊपर एक भी चोरी व डकैती नहीं हुई है। यह दुर्ग पुलिस की बड़ी सफलता है। छोटी मोटी चोरिया बाइक व सुने घर की हो रही है। इसकी भी संख्या 2020 व 2021 से कम है। इस दौरान लॉनडाउन था। सभी लोग घर में थे और यातायात के साधन भी नहीं थी। यही कारण है कि इस दौरान चोरी की घटनाएं कम हुई। उस लिहाज से वर्तमान में चोरी की घटनाएं कम हुई है। तालाब के किनारे व व गार्डन में शराब पीकर गंदगी फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पार्क और पब्लिक प्लेस पर कोई भी शराब पीते पाये जाने पर तत्काल  पुलिस को सूचना दें। सड़क में कई नाबालिग तेज गति से वाहन चलाते हुए नजर आते हैं। अभिभावकों को अपने बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है। अक्सर देखा गया है कि पढ़े लिखे लोग कुछ लालच के चक्कर में  तो कुछ अनजाने में साइबर ठगी के शिकार बन रहे है। किसी भी अंजान व्यक्ति को अपना ओटीपी न बताएं।

सभी वार्डों में होंगे वालेंटियर्स
क्राइम डॉन के एडिटर से चर्चा के दौरान पुलिस अधीक्षक ने कहा कि शहर में अपराधों पर शिकंजा कसने दुर्ग जिले में वार्ड स्तर पर वालेंटियर्स की तैनाती की जाएगी। इसके लिए शीघ्र ही पुलिस अधिकारी सहित जन प्रतिनिधियों से चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा। अपने आस पास हो रहे अपराधिक गतिविधियों की सूचना पुलिस को जरूर दें ताकि आप और शहर सुरक्षित रहे।

शहर के सभी स्थानों पर लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे 
पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव ने सूने मकानों पर हो रहे चारियों पर कहा कि इसके लिए आम जनता खूद जिम्मेदार है। उन्होंने आम जनता से कहा कि जब भी वे शहर से कहीं बाहर जाए तो नजदीकी थाने में जरूर सूचित करे। साथ ही आस पड़ोस को भी शहर से बाहर जाने की सूचना दें। घर में कैश न रखे। हो सके तो सभी अपने घरों में सीसीटीवी लगाए। अगर ऐसा किया जाता है तो सूने मकानों में हो रहे चारियों पर लगाम लगाया जा सकता है। जनप्रतिनिधि व व्यापारी संगठनों से चर्चा कर दुर्ग जिले के सभी क्षेत्र में सीसीटीवी लगाने की तैयारी चल रही है ताकि चोरी सहित अन्य अपराधिक घटनाओं में कमी आए। उन्होंने कहा कि धमधा में व्यापारिक संगठनों ने 6 चौकों में सीसीटीवी लगाने की बात कही। एक साल के अंदर पूरे जिले को सीसीटीवी कैमरे से लैस कर दिया जाएगा ताकि चोर को भी हाथ साफ करने से पहले एक बार सोचना पड़े।

पहने हेलमेट, लगाए सीट बेल्ट
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सड़क दुर्घटना के दौरान होने वाले मौतों को रोकने आम जनता हेलमेट पहने व सीट बेल्ट अवश्य लगाए। वाहनों के सर्विसिंग के दौरान यह जरूर जांच ले कि एयर बैग ठिक से काम कर रहा है कि नहीं। वर्तमान में सभी भी सड़क हादसे हुए हैं उनके सबसे अधिक युवा वर्ग है, जिनकी उम्र लगभग 35 से 40 के बीच की है। इस उम्र के लोगों की परिवार अहम भूमिका होती है। इस उम्र के लोग घर परिवार व देश को आगे बढ़ाने में अहम योगदान देते हैं। इसकी सुरक्षा सबसे जरूरी है। उन्होंने सभी से वाहन चालन के दौरान हेलमेट व सीट बेल्ट लगाने पर जोर दिया ताकि सड़क दुर्घटना में किसी की जान न जाए। वर्तमान में सिर्फ 10 फीसदी वाहन चालक ही हेलमेट व सीट बेल्ट बांधते हैं। लोगों को अपने प्रति जागरूक होते हुए  इसे 90 फीसदी तक पहुंचाना है। दुर्ग जिले में लगातार हुए सड़क हादसों को देखते हुए यातायात पुलिस द्वारा लगातार एनएच पर पेट्रोलिंग की ज रही है। ओवर ब्रिज बनने के कारण यहां यातायात का दबाव काफी ज्यादा है। बेमेतरा जहां सड़क में यातायात का दबाव कम है वहां पिछले 7 माह में 132 लोगों की जाने गई है, एवरेज 17-18 का है। बिलासपुर में एक माह में मौत का आंकड़ा 30 है। इस लिहाज से दुर्ग जिले में सड़क हादसे में मौतों का आंकड़ा काफी कम है।

सभी कबाड़ी नहीं होते अपराधी
पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव ने कहा कि शहर में कबाड़ का धंधा करने वाले सभी व्यापारी अपराधी नहीं होते है। यह भी एक प्रकार का व्यवसाय है। जो कबाड़ी अपराध करता है वह अपराधी होते हैं। जो चोरी का सामान  खरीदने व चोरी का माल गलाते हुए पकड़ते जाते हैं। ऐसे आरोपी कबाडिय़ों पर सख्त कार्रवाई पुलिस द्वारा की जाती है।