भिलाई इस्पात संयंत्र के ऑक्सीजन प्लांट-2 में हादसा

ऑक्सीजन प्लांट-2 में मॉक ड्रिल का आयोजन

भिलाई इस्पात संयंत्र के ऑक्सीजन प्लांट-2 में हादसा

भिलाई। लिक्विड ऑक्सीजन पंप के ब्रेकडाउन में भाग लेने के लिए 2000 टन लिक्विड ऑक्सीजन टैंक -1 में ऑक्सीजन प्लांट-2 के यांत्रिक रखरखाव के चार व्यक्ति काम कर रहे थे। अचानक लिक्विड ऑक्सीजन का अत्यधिक रिसाव हुआ। दो व्यक्ति फंस गए और दो व्यक्ति बाहर आए जिन्होंने बचाव के लिए अन्य लोगों को बुलाया। यांत्रिक विभाग के व्यक्ति ने बचाव के लिए चिल्लाने लगा और ओपी-2 के शिफ्ट मैनेजर को सूचित किया। स्थिति का विश्लेषण करने के बाद शिफ्ट मैनेजर तुरंत मौके पर पहुंचे। साइट पर मौजूद बिजली विभाग के व्यक्ति को अलार्म बजाने के लिए संकेत दिया। शिफ्ट इंचार्ज सीनियर मैनेजर (ऑपरेशन) उमेश मलयथ ने प्लांट कंट्रोल, फायर ब्रिगेड, एम.एम.पी-1 सीआईएसएफ, सेफ्टी कंट्रोल, सिविल डिफेंस, विभागाध्यक्ष और ऑक्सीजन प्लांट- 2 के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। महाप्रबंधक (ऑपरेशन-2) पी सी बाग, सहायक महाप्रबंधक (ऑपरेशन) एस.के. मानिकपुरी के साथ मौके पर पहुचें। उप महाप्रबंधक (मैकेनिकल) ए सरकार, सहायक महाप्रबंधक (इलेक्ट्रिक) एन ए अंसारी और (डीएसओ) एम डी साहू ने नियंत्रण संभाला। बाद में मुख्य महाप्रबंधक (यूटिलिटीज) एके जोशी भी मौके पर पहुंचे, स्थिति संभाली और दुर्घटना पर नियंत्रण करने में सफल रहे। एक घायल व्यक्ति को ओपी-2 के लोगों ने बचाया। सभी संबंधित एजेंसियां (फायर ब्रिगेड, ओएचएस, सिविल डिफेंस, सीआईएसएफ और सेफ्टी कंट्रोल) मौके पर पहुंचीं और फंसे लोगों को बचाया। बचाए गए दो लोगों को आवश्यक उपचार के लिए मेन मेडिकल पोस्ट भेजा गया। 
ज्ञात हो कि भिलाई इस्पात संयंत्र के ऑक्सीजन प्लांट-2 में आपदा प्रबंधन अभ्यास के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। ऑक्सीजन प्लांट-2 के 2000 मिलियन टन लिक्विड ऑक्सीजन टैंक को संवेदनशील इंस्टालेशन के रूप में घोषित किया गया है। विदित हो कि प्रत्येक विभाग में आकस्मिक आपदा से निपटने हेतु प्रोटोकाल बनाये गए हैं। इस प्रोटोकाल के जांच हेतु समय-समय पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाता है। ऑक्सीजन प्लांट-2 में आखिरी मॉक ड्रिल 13 दिसंबर 2022 को हुई थी।  इस अभ्यास के दौरान बीएसपी के सीआईएसएफ, फायर ब्रिगेड, सेफ्टी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, एमएमपी-1, सिविल डिफेन्स तथा ऑक्सीजन प्लांट-2 के अधिकारियों व कार्मिकों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई। कुमुद किशोर देवांगन और पुष्कर वर्मा का भी इस मॉक ड्रिल में योगदान रहा। मॉक ड्रिल की समाप्ति के बाद मुख्य महाप्रबंधक (ओपी-2) पी सी बाग द्वारा सम्बंधित टिप्पणियों पर चर्चा करने और सभी एजेंसियों को धन्यवाद देने के लिए, समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।