मंदिरों व पंडालों में दिन गुजारने को मजबूर कई गरीब परिवार, किस्त की राशि के लिए कई माह से नगर निगम भिलाई का लगा रहे चक्कर
मामला नगर निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत जोन-3 वैशालीनगर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड 33 एवं 34 का
भिलाई। मोर जमीन मोर मकान आवास योजना के तहत मिलने वाली स्वयं की राशि तथा मकान बनाने के लिए दिए जाने वाली नक्शा प्रमाणपत्र के दस्तावेज के लिए कई महिनों से गरीब तबके के लोगों को निगम कार्यालय में चक्कर लगाने तथा जनप्रतिनिधियों के यहां भटकने का मामला सामने आया है। आधा अधूरा घर निर्माण के कारण गरीबों को गणेश पंडालों, आंगनबाड़ी, मंदिर, सामुदायिक भवन आदि जगहों पर तकलीफों के बीच रात गुजारना पड़ रहा है। मकान का आधा कार्य हो जाने के बावजूद कई महिने किस्त की राशि नहीं मिलने के चलते आर्थिक एवं मानसिक परेशानी से जूझने को मजबूर है। मामला नगर निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत जोन-3 वैशालीनगर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड 33 एवं 34 का है।
केंद्र सरकार की मोर जमीन मोर आवास योजना गरीब तबके के लोगों को अपने बने हुए कच्चे मकान को तोड़कर पक्का मकान बनाने के लिए किस्त के रूप मे बैंक के खाते में हितग्राहियों के रकम के राशी को दिया जाता है परन्तु भिलाई के वार्ड 33 कैंप 2 संतोषीपारा के लोगो को मकान बनाने का कार्य करने एवं मकान का आधा कार्य हो जाने के बावजूद कई महिने बीत चुके है मिलने वाली किस्त की राशि नहीं मिलने के चलते आर्थिक एवं मानसिक परेशानी से जूझने के मजबूर है। भिलाई के वार्ड 33 कैंप 2 संतोषीपारा और कैंप 2 वार्ड 34 शिवाजी नगर के गरीब श्रमिक लोग परेशान होकर अपनी व्यथा सामाजिक कार्यकर्ता सुमन शील के समक्ष रखकर समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगाई है। कई महिनों से आधा अधूरे बने हुए मकान तथा मकान को तोड़े जाने के चलते भवन व मंदिर में रहने के लिए मजबूर परिवारों से सामाजिक कार्यकर्ता सुमन शील मौके स्थल पर पहुंचकर परेशानियों से रुबरु हुए।
इस दौरान बंगाली मोहल्ला विवेकानंद नगर हरि मंदिर के बाजू में निवास करने वाली लक्ष्मी, काजल राय एवं उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि निगम के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों के कहने पर 3 महीना पहले पक्का घर पाने के लिए अपने कच्चे मकान को तोड़कर मकान बनाने का कार्य प्रारंभ किया है। मिलने वाली किस्त की राशी समय पर न मिलने के कारण लोगों से कर्ज मे रूपए लेकर कार्य को पूरा करवाना पड़ रहा है और दूसरे के यहां पर किराए के मकान पर रहने के लिए मजबूर है। दुधकुमार यादब एवं उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि निगम के अधिकारी एवं वार्ड के पार्षद प्रतिनिधी के बातों में आकर बारिश के समय में अपने कच्चे मकान को तोडऩे का कार्य किया है। अब मिलने वाले रकम के लिए निगम में चक्कर लगा रहे हैं। कई महीनो से जा रहे पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। चंद्रकला पासवान के परिवार के सदस्य प्रतिमा, विजय पासवान ने बताया कि यदि हमें मालूम रहता की मोर जमीन मोर आवास मकान के राशी के लिए कई महिने लगेंगे तो हम कतई अपने कच्चे मकान को इस समय नहीं तोड़ते। अभी तोड़े जाने के कारण घर के सामने किराए पर मकान न मिलने के करण हमारे पूरे परिवार के सदस्यों को सामूहिक भवन में रहना पड़ रहा है। जहां आंगनवाड़ी सहित कई तरह के कार्यक्रम भवन में संचालित होते रहते हैं। इसके चलते टूटे हुए मकान में जाकर हम लोगों को स्नान तक करना पड़ता है।
कर्ज लेकर आवास बनाने के अलावा वार्ड 34 एवं 33 के कई लोगों ने बताया कि हमारा मकान का नक्शा कई महीने पहले पास हो चुका है पर निगम के अधिकारी द्वारा पार्षद एवं उनके प्रतिनिधि को नक्शा का कागजात देने के कारण उन्हें कई महिनों से कागजात नहीं मिलने के चलते अभी तक खुदाई तक का कार्य नहीं कर पाए हैं। अब निगम के अधिकारी बता रहे हैं कि आचार संहिता लग सकता है। उससे पहले अपने मकान को तोड़कर कार्य करवाना प्रारंभ कर दे अन्यथा आपका रकम नहीं मिलेगा। समस्याओं से अवगत होने के उपरांत सामाजिक कार्यकर्ता सुमन शील ने शकायत को उच्च अधिकारी के समक्ष रखने के अलावा प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर समस्त स्थिति से अवगत कराने का आश्वासन दिया।