नशे से शरीर में पड़ने वाले दुष्प्रभाव की बच्चों को दी गई जानकारी
दुर्ग। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय व नशामुक्त भारत अभियान, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के संयुक्त तत्वावधान में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय राजऋषि भवन केलाबाड़ी दुर्ग द्वारा "नशा मुक्त भारत अभियान" के अंतर्गत नेशनल हायर सेकेण्डरी स्कूल व हनोदा हाईस्कूल दुर्ग में छात्र छात्राओं के लिए "व्यसन मुक्ति" कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य प्रवक्ता के रूप में बोलते हुए ब्रह्माकुमारी रेणुका बहन ने कहा कि परमपिता परमात्मा कितना दयालु, कृपालु है कि उसने हम आत्माओं को अपनी जीवन चलाने के लिए इतनी लाजवाब शरीर रूपी गाड़ी प्रदान की है। आत्मा शरीर के बिना अपनी दैनिक क्रियाकलाप नहीं कर सकती। परमात्मा इतना रहम दिल है कि उसने हम सभी को बिना किसी भेदभाव के, एक शरीर रूपी गाड़ी दी है जो बहुमूल्य है। आप जानते हैं कि हार्ट की एक पतली सी नाड़ी मे ब्लॉक आ जाते हैं तो 3-4 लाख रूपए से कम में ऑपरेशन नहीं होता। एक गुर्दा बदलने में 25 - 30 लाख रुपए का खर्चा आता है । कई नस नाड़ी ऐसी भी है जो किसी इलाज से ठीक भी नहीं होती। हम इस अनुपम उपहार के लिए परमात्मा का धन्यवाद करना तो दूर, इस गाड़ी को कचरे का डिब्बा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
सोचिए आपने एक कार सिर्फ पांच लाख में खरीदी वह पेट्रोल से चलती है। आप उसकी इतनी साफ-सफाई का ध्यान रखते हैं, उसमे पेट्रोल की जगह डीजल नहीं डालते क्यों? क्योंकि कहीं इंजन खराब ना हो जाए । तो सोचिए शरीर रूपी गाड़ी में आप क्या-क्या डालते हैं। शराब, तंबाकू, बीड़ी-सिगरेट, गुटका अन्य कुछ भी। उस गाड़ी को भी पेट्रोल पंप पर खड़ा करके उसमें पेट्रोल डालते हैं और यहां चलते फिरते कहीं भी, कुछ भी सारा दिन इसमें डालते रहते हैं। सड़क पर बिक रहा धूल भरा सामान वही खड़े-खड़े खाते पीते रहते हैं। इस शरीर रूपी गाड़ी में आप नशीले पदार्थ बीड़ी सिगरेट, तंबाकू, शराब इत्यादि अस्वच्छ वस्तुएं डालते हैं तो इसका इंजन खराब होगा या नहीं?
आत्मा, परमपिता परमात्मा की संतान है। जो अति सूक्ष्म, पवित्र, चैतन्य दैवीय शक्ति है, जो शरीर रूपी मंदिर में निवास करता है । आप बताइए क्या आप देवताओं को ड्रग, गुटका, तंबाकू का भोग लगाते हैं?
हमारे देश में 2022 के आंकड़ों के अनुसार 10 से 75 वर्ष की आयु के 14.6% लोग शराब का सेवन करते हैं इसी आयु वर्ग 2.8% लोग भांग, चरस, गांजा आदि का प्रयोग करते हैं और 2.1% लोग अफीम का सेवन करते हैं तथा 2.7 करोड़ लोग तंबाकू का सेवन करते हैं।
भारत सरकार द्वारा कोर्ट में दिए गए आंकड़ों से स्पष्ट हुआ है कि 10 से 17 वर्ष की आयु की 1.5 करोड़ बच्चे विभिन्न प्रकार के मादक द्रव्यों के आदी हैं । ब्रह्माकुमारीज का विज़न है कि जितनी भी युवा इस भारत भूमि मे हैं उन सब को जागरूक करके नशे के चंगुल से बचाएं । हम सभी की, पूरे समाज की इन बच्चों के प्रति एक जिम्मेवारी बनती है जैसे हमने अपने देश को पोलियो मुक्त किया है, क्या भविष्य के भारत को हम नशा मुक्त नहीं कर सकते।
मादक द्रव्यों के शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव की चर्चा करते हुए ब्रह्माकुमारी रेणुका बहन जी ने कहा कि जो लोग शराब का सेवन हर दिन करते हैं उसमें हार्ट डिजीज होने की संभावना बहुत अधिक होती है अल्कोहल के सेवन से हार्ट से संबंधित कई समस्याएं जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट फैलियर, स्ट्रोक की आशंका बहुत अधिक बढ़ जाती है। हमारा दिमाग जन्म से पहले से लेकर 21 वर्ष की आयु तक निरंतर विकास करता है । किशोरावस्था में नशीले पदार्थों का सेवन करने से दिमाग पर काफी प्रभाव पड़ता है। यह मस्तिष्क के तंत्रिका तंत्र के विकास और उसके कार्य को प्रभावित करता है।
व्यसन मुक्ति की उपायों की चर्चा करते हुए ब्रह्माकुमारी रेणुका बहनजी ने कहा कि राजयोग के द्वारा आप सहज ही इन व्यसनों से छुटकारा पा सकते हैं। जो व्यसनो से दूर हैं वे अपने आपको मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक एवं बौद्धिक रूप से सदाकाल के लिए स्वस्थ रख सकते हैं। बशर्ते वह राजयोग का नियमित अभ्यास करें। राजयोग द्वारा जिन लोगों ने व्यसन छोड़े उसमें से 1021 लोगों का अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में यह पाया गया कि 97% लोग जिन्होंने व्यसन छोड़ें, वे सदाकाल के लिए व्यसन मुक्त हो गए।
व्यसनी व्यक्ति बहुत ही भावुक हैं, उनकी भावनाओं का सकारात्मक उपयोग करके, आप उन्हें विश्वास में लेकर उनको व्यसन मुक्त कर सकते हो।
ब्रह्मकुमारी रेणुका बहन जी ने कई घरेलू उपायों का भी चर्चा की जिनसे व्यसन मुक्त हुआ जा सकता है। राजयोग की कमेंट्री द्वारा सभी को गहन मानसिक शांति की भी अनुभूति कराई एवम अंत में बहन जी ने सबको व्यसन मुक्त बनने और "नशा मुक्त भारत" बनाने की शपथ दिलाई। नेशनल स्कूल की प्राचार्य ने इस कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा की और इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए ब्रह्माकुमारी संस्था का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक गण उपस्थित थे। कार्यक्रम का कुशल संचालन ब्रह्माकुमार दाऊ भाई ने किया ।
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ब्रह्माकुमारीज दुर्ग