कला साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ ने किया कलाकारों का सम्मान

विश्व रंगमंच दिवस एवं हिन्दी रंगमंच दिवस के उपलक्ष्य में नाटकों का किया मंचन

कला साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ ने किया कलाकारों का सम्मान

भिलाई। रविवार 7 अप्रैल को मैत्री विद्या निकेतन रिसाली में विश्व रंगमंच दिवस एवं हिन्दी रंगमंच दिवस के उपलक्ष्य में दो नाटकों का मंचन एवं क्षेत्र के वरिष्ठ कलाकारों तथा सक्रिय कलाकारों पंद्रह कलाकारों का सम्मान  किया गया। ज्ञातव्य है कि कला साहित्य अकादमी ने भिलाई दुर्ग की समस्त संस्थाओं को मिलाकर लगातार वर्ष भर कला साहित्य के सफल आयोजन किए जिसमें अंतरराष्ट्रीय नाटक, नृत्य, संगीत कार्यक्रम सहित बहुत से छोटे बड़े आयोजन शामिल हैं। संस्था का उद्देश्य है कि युवाओं को प्रशिक्षित कर बेहतर मंच प्रदान कर उन्हें आगे बढ़ाना और ये प्रयास लगातार जारी है।

उक्त सम्मान समारोह में सात वरिष्ठ रंगकर्मियों का सम्मान हुआ जिसमें श्रीमती गीतिका सेन, एस एन बोस, संतोष जैन, शिव कुमार दीपक, रामबाबू, श्रीमती अनीता उपाध्याय एवं भैयालाल सोनी शामिल रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत साइंस कालेज दुर्ग में कला साहित्य अकादमी द्वारा कार्यशाला में तैयार नाटक पर्सेंटेज थ्योरी के मंचन से किया गया जो आभास आनंद द्वारा लिखा गया है और हरजिंदर सिंह मोटिया द्वारा निर्देशित किया गया था।

नाट्य मंचन के पश्चात सम्मान समारोह  आयोजित किया गया जिसमें वरिष्ठ रंगकर्मियों का सम्मान वरिष्ठतम रंगकर्मी देबू राय चौधरी, श्रीमती राजम सुधाकरण अध्यक्ष, मैत्री विद्या निकेतन, सजीव सुधाकरण निदशक, मैत्री विद्या निकेतन द्वारा किया गया।

उक्त अवसर पर संस्था के सहयोगी कलाकारों/कार्यकर्ताओं का भी सम्मान किया गया जिसमें श्रवण कुमार, कैलाश बरमेचा, सुप्रियो सेन, गोकुल वर्मा, डा. अनिमेष सुराना, श्रीमती लिलेश्वरी साहू, प्रहलाद, कु.प्रिया नंदी, तुहिन चटर्जी (प्रिंस), श्रीमती अर्चना शर्मा शामिल थे।

अंत में साइंस कालेज दुर्ग के नाट्य कार्यशाला में तैयार दूसरा नाटक भोंगरा मंचित किया गया जिसके लेखक मनोज मित्र एवं निर्देशक राकेश बंमबार्डे थे। दोनो नाटकों का संगीत वरुण चक्रवर्ती,पवन कौशिक तथा कवि कुमार ने दिया। गीतकार डॉक्टर रजनीश उमरे तथा श्री लक्ष्मीनारायण कुंभकार हैं।

कार्यक्रम में दुर्ग भिलाई के बहुत से कलाकारों ने उपस्थित दी जिनमें डॉक्टर रजनी रजक, डा.रौनक जमाल, नकुल महलवार, मोंसी फिलिप्स, जनाब मिर्जा मसूद बेग, हरि सेन, शायर मुमताज़, त्रिलोक तिवारी, डॉक्टर रजनीश उमरे, संदीप पाटिल, रायपुर से अनिरुद्ध दुबे ,श्रीमती रत्ना पाण्डे, सिन्हा जी, योगेश पांडे, जय कसेर आदि शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन चारु श्रीवास्तव,सुमिता पाटिल एवं सुचिता मुखर्जी ने किया।

कार्यक्रम को सफल बनाने संस्था के वरिष्ठ सुबीर दरीपा, अजय विनायक, जेरी कोशी, मणिमय मुखर्जी, शक्तिपद चक्रवर्ती,जयप्रकाश नायर, गुलाम हैदर, बबलू विश्वास, विभाष उपाध्याय, श्रवण कुमार, राकेश बमबार्डे, सुब्रत शर्मा,प्रहलाद की महत्वपूर्ण भूमिका रही।