340 स्कूली बच्चों की सिकल सेल जांच में 14 बच्चे पाए गए पॉजिटिव

स्वास्थ्य विभाग जिला दुर्ग और रोटरी क्लब आफ भिलाई स्टील सिटी का संयुक्त आयोजन 

340 स्कूली बच्चों की सिकल सेल जांच में 14 बच्चे पाए गए पॉजिटिव
  • शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पोटियाकला दुर्ग में लगाया गया  शिविर 
    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के जन्मदिन पर बच्चों को कराया गया "न्योता भोजन "
    शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए शिक्षकों का किया गया सम्मान 

भिलाई।  शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पोटियाकला दुर्ग में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के जन्मदिन एवं रोटरी फाउंडेशन डे के उपलक्ष में रोटरी क्लब आफ भिलाई स्टील सिटी द्वारा  सामुदायिक सहभागिता की दृष्टिकोण से प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत स्कूल परिसर में "न्योता भोजन " एवं सिकल सेल शिविर का आयोजन किया गया.  

स्वास्थ्य विभाग जिला दुर्ग और रोटरी क्लब आफ भिलाई स्टील सिटी के संयुक्त तत्वावधान में प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला पोटिया कला के 340 बच्चों का डॉक्टरों की टीम द्वारा सिकल सेल जांच की गई  जिसमें 14 बच्चे पॉजिटिव पाए गए।

रोटरी क्लब आफ भिलाई स्टील सिटी के सचिव ललित वर्मा  ने बताया कि प्रधानमंत्री पोषण योजना को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया गया। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में किया जा रहे उल्लेखनीय कार्यों के लिए शिक्षकों का प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया गया।

इस कार्यक्रम के अतिथि के रूप में डॉक्टर आशीष शर्मा ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर पाटन, डॉ आरके श्रीवास्तव, राजदीप सेन, शहरी कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर टार्जन आदिले, वार्ड पार्षद अजय वर्मा, नेता प्रतिपक्ष भोजराम यादव, प्राचार्य श्रीमती सुलेखा सहित बड़ी संख्या में स्कूली बच्चें और शिक्षिक मौजूद थे।  

 क्या है सिकल सेल की बीमारी 
शिविर में उपस्थित विशेषज्ञों ने बताया की सिकल सेल एनीमिया यह एक अनुवांशिक रोग है इसलिये जब तक खून की जांच न करवाई जाए तब तक इस रोग की जानकारी नहीं मिलती। हीमोग्लोबिनोपैथी लाल रक्त कोशिकाओं का एक अनुवांशिक रोग है जिसमें मुख्यत: सिकल सेल एनीमिया एवं थैलेसिमिया शामिल हैंl सिकल सेल एनीमिया ऐसा रक्त विकार है जिसमे लाल रक्त कोशिकाएं जल्दी टूट जाती हैं जिसके कारण एनीमिया तथा अन्य जटिलताएं जैसे कि वेसो- ओक्लुसिव क्राइसिस, फेफड़ों में संक्रमण, एनीमिया, गुर्दे और यकृत की विफलता, स्ट्रोक आदि के कारण रूग्णता और मृत्यु की सम्भावना होती है| सिकल सेल के रोगी दो प्रकार के होते है , सिकल सेल वाहक (लक्षण रहित/मंद लक्षण) एवं सिकल सेल रोगी (गंभीर लक्षण)| सिकल सेल वाहक में गंभीर लक्षण नहीं होते किन्तु यह एक असामान्य जीन को अगली पीढ़ी में संचारित करता है| सिकल सेल की पहचान विशेष रक्त जांच से की जा सकती है |

प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में लाल रक्त कोशिकाएं होती हैं जो आकार में गोल, नर्म और लचीली होती हैं | यह लाल रक्त कोशिकाएं जब स्वयं के आकार से भी सूक्ष्म धमनियों में से प्रवाह करती हैं तब वह अंडाकार आकार की हो जाती है | सूक्ष्म धमनियों से बाहर निकलने के पश्चात कोशिकाओं के लचीलेपन के कारण वे पुनः अपना मूल स्वरूप ले लेती हैं | लाल रक्त कोशिकाओं का लाल रंग उसमे रहने वाले हीमोग्लोबिन नामक तत्व के कारण होता है | स्वस्थ रक्तकण में हीमोग्लोबिन नॉर्मल अर्थात सामान्य प्रकार का होता है | हीमोग्लोबिन का आकार सामान्य के बदले असामान्य भी देखने को मिलता है | जब लाल रक्त कोशिकाओं में इस प्रकार का बदलाव होता है तब लाल रक्त कोशिकाएं जो सामान्य रूप से आकार में गोल तथा लचीली होती हैं यह गुण परिवर्तित कर अर्ध गोलाकार एवं सख्त/कड़क हो जाता है जिसे सिकल सेल कहा जाता है (लेटिन भाषा में सिकल का अर्थ हंसिया होता है) |

यह धमनियों में अवरोध उत्पन्न करती हैं जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन व खून की कमी होने लगती है इसलिए इसे सिकल सेल एनीमिया कहा जाता है| लाल रक्त कोशिकाओं का यह विकार हमारे अंदर रहने वाले जीन की विकृति के कारण होता है | जब लाल रक्त कोशिकाओं में इस प्रकार का विकार पैदा होता है तब व्यक्ति के शरीर में अलग-अलग प्रकार की शारीरिक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं जैसे कि हाथ पैरों में दर्द होना, कमर के जोड़ों में दर्द होना, अस्थिरोग, बार- बार पीलिया होना, लीवर पर सूजन आना, मूत्राशय में रूकावट/दर्द होना, पित्ताशय में पथरी होना | जब किसी भी व्यक्ति को यह समस्याएँ होने लगें तो उसे रक्त की सिकल सेल एनीमिया के लिए जांच करवाना आवश्यक होता है|