छत्तीसगढ़ में तृतीय चरण काम बंद-कलम बंद आंदोलन: 29 से 31 दिसंबर तक तीन दिवसीय हड़ताल

दुर्ग।बछत्तीसगढ़ के अधिकारी, कर्मचारी और पेंशनर दिसंबर के आखिरी हफ्ते में तीन दिन काम बंद–कलम बंद आंदोलन पर रहेंगे। यह हड़ताल 29 से 31 दिसंबर तक चलेगी। फेडरेशन का कहना है कि केंद्र की तिथि से महंगाई भत्ता और महंगाई राहत अब तक नहीं मिली है, जबकि महंगाई लगातार ऊपर जा रही है। कर्मचारियों के अनुसार इससे उनका सीधा आर्थिक नुकसान हो रहा है।

फेडरेशन ने याद दिलाया कि सरकार ने चुनाव से पहले मंचों और घोषणापत्र में वादा किया था कि केंद्र की तिथि से महंगाई भत्ता दिया जाएगा और पिछली एरियर राशि भी चुकाई जाएगी। दो साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी इस दिशा में ठोस निर्णय नहीं हुआ। चार स्तरीय वेतनमान, सातवें वेतनमान के मुताबिक गृहभाड़ा भत्ता और अन्य भत्तों के पुनरीक्षण की मांग भी अटकी है। कर्मचारी अभी भी केंद्रीय कर्मचारियों से तीन प्रतिशत पीछे हैं।

फेडरेशन ने ये भी कहा कि देश के दूसरे भाजपा शासित राज्य अपने कर्मचारियों को केंद्र के समान जुलाई 2025 से महंगाई भत्ता दे चुके हैं। वहीं उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में 25 लाख से अधिक कर्मचारियों को 58 प्रतिशत महंगाई भत्ता, बोनस और पेंशनर्स को महंगाई राहत मिल रही है।
अनियमित और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा पर भी अभी तक निर्णय लंबित है। कर्मचारियों का कहना है कि राज्य बनने के समय उनसे जो उम्मीदें थीं, उन्हें 25 साल बाद भी पूरा नहीं किया गया है।

इन मुद्दों पर रणनीति तय करने के लिए छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने सभी पदाधिकारियों और विभागीय कर्मचारियों से 13 दिसंबर, शनिवार को दोपहर 12 बजे जिला पंचायत सभागार दुर्ग में होने वाली बैठक में शामिल होने की अपील की है। उक्त जानकारी छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेसन के मीडिया प्रभारी भानु प्रताप यादव ने दी है।

