तेज आवाज में लाऊड स्पीकर बजाने वालों के लिए जरूरी खबर, ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर 30 जून तक लगा प्रतिबंध
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दुर्ग। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने शालेय, विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं को दृष्टिगत रखते हुए ध्वनि प्रदूषण, विनिमय एवं नियंत्रण नियम-2000 एवं कोलाहल नियंत्रण अधिनियम-1985 की धारा-18 में प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए रात्रि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों तथा किसी भी स्त्रोत से निकाली गई इस प्रकार की ध्वनि प्रदूषण जो अध्ययन एवं अन्य कार्य में विघ्न डालती है या जिससे ऐसा विघ्न पड़ना संभाव्य है को संपूर्ण दुर्ग जिले में 30 जून 2025 तक के लिए प्रतिबंधित किया है।
जिला दण्डाधिकारी के आदेशानुसार धार्मिक त्यौहारों, संस्कारों, शादी, उत्सवों, चुनाव प्रचार इत्यादि के अवसर पर व्यक्ति विशेष के पक्ष में ऐसे कारणों से जो लेखबद्ध किये जाऐंगे, में आवश्यक होने पर अनुमति संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी जिला दुर्ग द्वारा शर्तों के अधीन दी जाएगी। शर्तों के अनुसार-माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए ध्वनि विस्तारक यंत्र की उपयोग धीमी स्वर में किया जाए। किसी निजी उपयोग के स्थान की सीमा या किसी व्यक्ति द्वारा अपने निजी यंत्रों का उपयोग किया जा रहा है तो उसकी सीमा उस क्षेत्र के लिए निर्धारित परिवेशीय वायु गुणवत्ता सीमा से 5 डी.बी.(ए) से अधिक नहीं होना चाहिए। लाऊड स्पीकर या ध्वनि विस्तारक यंत्र या ध्वनि उत्पन्न करने वाले यंत्रों का उपयोग सार्वजनिक स्थलों पर किया जा रहा हो तो उसकी सीमा उस क्षेत्र के परिवेशीय ध्वनि पैमाने से 10 डी.बी.(ए) या 75 डी.बी.(ए) से अधिक नहीं होनी चाहिए। ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग दो छोटे बाक्स के साथ सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही किया जाए। जिस स्थल (भूमि) पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है उस स्थल के उपयोग के संबंध में सक्षम अधिकारी/विभाग (नगर निगम/बी.एस.पी. प्रशासन) से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा। किन्तु किसी भी परिस्थति में रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे के मध्य की अवधि के लिए ऐसी अनुमति नहीं दी जाएगी। यह आदेश 20 फरवरी 2025 से प्रभावशील हो गया है।