पांच दिनों तक डिजीटल अरेस्ट करके 49 लाख रुपए की ठगी, दुर्ग पुलिस ने एक आरोपी को औरंगाबाद से पकड़ा
आरोपी ने CBI, ED और सुप्रीम कोर्ट के गिरफ्तारी वारंट तथा नोटिस भेजकर दिखया था डर
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भिलाई। पांच दिनों तक भिलाई के एक शख्स को डिजीटल अरेस्ट करके 49 लाख रुपए की ठगी की गई है। पुलिस ने इस मामले महाराष्ट्र के औरंगाबाद से एक आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना भिलाई नगर में अपराध क्रमांक 469/2024, धारा 318 (4) बीएनएस व 66 डी आई.टी. एक्ट का प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया था।
शुक्रवार को सेक्टर 6 कंट्रोल रूम में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में ASP सुखनंदन सिंह राठौर ने पूरे प्रकरण का खुलासा करते हुए बताया कि 16 नवंबर को रूआबांधा निवासी इंद्र प्रकाश कश्यप ने भिलाई नगर थाने में डिजीटल अरेस्ट होकर ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। प्रार्थी ने बताया कि अज्ञात नंबर से वाट्सअप कॉल के माध्यम से ठगों ने उसे ट्राई के नाम से फोन किया। उसके बाद अलग-अलग नंबरों से CBI, ED और सुप्रीम कोर्ट के गिरफ्तारी वारंट और नोटिस भेजकर झांसे में ले लिया। ठगों ने पांच दिनों तक उसे डिजीटल अरेस्ट करके रखा और इस बीच अलग-अलग खातों में 49 लाख रुपए धोखाधड़ी की। आरोपियों ने सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट में प्रार्थी से 49 लाख रुपए ट्रांसफर कराए। पैसों को वेरिफाई करने के नाम पर धोखाधड़ी कर ली।
शिकायत मिलते ही पुलिस ने तुरंत एक टीम का गठन किया। पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई के आदेश दिए। प्रार्थी से उपलब्ध अलग-अलग फोन नंबरों की जांच की गई। वहीं बैंक अकाउंट की भी डिटेल निकाली गई। जब सूूक्ष्मता से जांच की गई तो आरोपी के द्वारा औरंगाबाद के आईसीआईसीआई बैंक के एक खाते का उपयोग किया जाना पाया गया। पुलिस टीम ने तुरंत शाखा से संपर्क स्थापित करके खाता धारक के संबंध में विस्तृत जानकारी और फोन नंबर जुटाया। जिसके बाद भिलाई नगर थाना से एएसआई शमित मिश्रा, एंटी क्राइम साइबर यूनिट से हेड कांस्टेबल चंद्रशेखर बंजीर, आरक्षक रिंकू सोनी, शहबाज खान, जावेद हुसैन की टीम औरंगाबाद भेजी गई।
टीम जब बैंक से मिले पते पर पहुंची तो आरोपी वहां नहीं मिला। पड़ोसियों से पता चला कि कई सालों से वह यहां नहीं रहता। जिसके बाद किसी तरह जानकारी जुटाकर पुलिस आरोपी बापू श्रीधर भराड़ के गांव राहेगांव, जिला संभाजीनगर पहुंची। वहां से आरोपी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि आरोपी बापू श्रीधर से घटना में प्रयुक्त बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल फोन और सिम जब्त किया गया है। पुलिस उसे रिमांड में लेकर अन्य आरोपियों के संबंध में पूछताछ कर रही है। टीम द्वारा औरंगाबाद शहर में आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के आरोपी के द्वारा उपयोगय में लाये गये खाते में उल्लेखित वैष्णवी ऑटो स्पेयर, दिशा कॉमशियल काम्प्लेक्स ब्जाज नगर औरंगाबाद में जाकर पता करने पर उक्त कंपनी 04-05 वर्ष पूर्व संचालित होना, वर्तमान में वहीं नहीं होना कही चले जाना पता चला, उसके बाद टीम के द्वारा प्रोपराईटर बापू श्रीधर भराड़ के निवास का पता अक्षय तृतीया अपार्टमेंट ब्जाज नगर के पते पर भी पतासाजी की गयी किन्तु वहाँ से भी 04-05 वर्ष पूर्व घर खाली कर कहीं चले जाना पता चला। अंततः टीम के द्वारा बैंक में रजिस्टर्ड मोबाईल फोन के आधार पर लगातार प्रयासों के परिणाम स्वरूप खाता धारक आरोपी बापू श्रीधर भराड़ की उपस्थिति ग्राम राहेगांव औरंगाबाद उसके गृह ग्राम में होना पता चला। जिससे टीम द्वारा आरोपी को लगातार रेकी कर उसके गृह ग्राम राहेगांव से पकड़ने में सफलता मिली।
आरोपियों का नाम -
01. बापू श्रीधर भराड़ पिता स्व. श्रीधर भराड़ उम्र 40 वर्ष निवासी आर.एल. 96/01 एमआईडीसी वलूज ब्जाज नगर औरंगाबाद महाराष्ट्र स्थायी पता ग्राम राहेगांव थाना वैजापुर जिला संभाजीनगर महाराष्ट्र।
दुर्ग पुलिस की अपील :-
डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई भी कानूनी प्रावधान नहीं है। यदि अंजान मोबाईल फोन से ट्राई, सीबीआई, ईडी के अधिकारी बनकर, मोबाईल फोन, व्हाटअप एवं ई-मेल के माध्यम से आपको किसी भी प्रकार का कॉल, मैसेज, भ्रामक नोटिस भेजकर झांसें में लिया जाता है तो कभी भी अपनी व्यक्तिगत एवं बैकिंग संबंधित जानकारी साझा न करें। ऐसी स्थिति में तुरंत अपने परिजनों, परिचितों तथा पुलिस को सूचित करें। जिससे की उचित मार्गदर्शन प्राप्त हो सके और धोखाधड़ी की घटना होने से बचा जा सके। अज्ञात मोबाईल नम्बरों व ई-मेल के माध्यम से व्हाट्अप कॉल, मैसेज, भ्रामक नोटिस, यूआरएल लिंक आने पर धोखाधड़ी से बचने हेतु तुरंत https://cybercrime.gov.in/ के पोर्टल पर जाकर उसे ब्लॉक करावे।