नाट्य गतिविधियों में तेजी लाने की आवश्यकता
प्रवास आंध्र प्रजा नाट्य मंडली की बैठक में वक्ताओं ने कहा
भिलाई। रंगमंच को कोई भी माध्यम खत्म नहीं कर सकती। रंगमंच आम आदमी का होना चाहिए। आम आदमी के लिए नाटक खेलना हैं । केवल मनोरंजन के लिए नाटक नहीं होना चाहिए । उक्त विचार विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर प्रवास आंध्र प्रजा नाट्य मंडली के तत्वावधान में 27 मार्च को शाम 7 बजे नेहरू सांस्कृतिक सदन परिसर में *भिलाई रंगमंच : भविष्य* विषय पर अयोजित गोष्टी में वक्ताओं ने व्यक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नाट्य मंडली के अध्यक्ष रूद्रमूर्ति ने कहा की करोना काल में रंगमंच गतिविधियों पर भी मार पड़ा। अभी भिलाई के सभी नाट्य संस्था नाट्य गतिविधियों में तेजी लाने की आवश्यकता है। उपस्थित कलाकारों ने भिलाई इस्पात संयंत्र से पूर्व की भांति सहयोग की अपेक्षा की। कार्यक्रम में समाजसेवी एन.एन. राव मुख्य अतिथि थे। विशेष अतिथि के रूप में जनवादी लेखक संघ के राष्ट्रीय सचिव नासीर अहमद, वरिष्ठ रंगकर्मी गुलाम हैदर उपस्थित थे। गोष्ठि में वरिष्ठ कलाकार राकेश बंबारडे, एस. राज अय्या, गायक सागुरु नारायण स्वामी, वाई. पापराव, के. वेंकटराव, वाई. अप्पलस्वामी,सी एच गणपति, लक्ष्मीनारायण कुंबकार, बी.जोगराव, एम.धर्माराव आदि कलाकारों ने अपने विचार व्यक्ति किए। कार्यक्रम में एसय्या, सी.एच. रामबाबू, पेरी श्रीनिवास, व्ही. प्रकाश राव, श्रीनिवास, बी. कोरलैया, राजकुमार, एल. चैतन्या आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एम. बबूराव एवं आभार नाट्य मंडली के सचिव सी एच श्रीनिवास ने की ।