बड़ी खबर: अब अविवाहिता भी करा सकती है अपना गर्भपात, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

बड़ी खबर: अब अविवाहिता भी करा सकती है अपना गर्भपात, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा है कि पति द्वारा किया जाने वाले दुष्कर्म यानी वैवाहिक दुष्कर्म की दशा में 24 सप्ताह की तय सीमा में पत्नी गर्भपात करा सकती है। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत इसे शामिल किया जाना चाहिए। यह अधिकार उन महिलाओं के लिए राहतकारी होगा, जो अनचाहे गर्भ को जारी रखने को विवश हैं। भले वो महिलाएं विवाहित हों या अविवाहित हों।  

वैवाहिक दुष्कर्म क्या है? 
जब एक पुरुष अपनी पत्नी की सहमति के बिना जबरन संबंध बनाता है तो इसे वैवाहिक दुष्कर्म कहा जाता है। इसके लिए पति किसी तरह के बल का प्रयोग करता है, पत्नी या किसी ऐसे शख्स को जिसकी पत्नी परवाह करती हो उसे चोट पहुंचाने का डर दिखाता है। 
वैवाहिक दुष्कर्म को लेकर भारत का कानून क्या कहता है?
दुष्कर्म के मामले में अगर आरोपी महिला का पति है तो उस पर दुष्कर्म का केस दर्ज नहीं हो सकता है। IPC की धारा 375 में दुष्कर्म को परिभाषित किया गया है। इसमें वैवाहिक दुष्कर्म को अपवाद बताया गया है। धारा 375 कहती है कि अगर पत्नी की उम्र 18 साल से अधिक है तो पति द्वारा बनाया गया संबंध दुष्कर्म नहीं माना जाएगा। भले इसके लिए पति ने पत्नी की मर्जी के खिलाफ जाकर जबरदस्ती की हो। 
तो क्या महिला अपने पति पर अत्याचार का मामला दर्ज नहीं करा सकती?
इस तरह की प्रताड़ना का शिकार हुई महिला पति के खिलाफ सेक्शन 498A के तहत यौन हिंसा का मामला दर्ज कर सकती है। अगर महिला को चोट आई है तो वो IPC की धाराओं में भी मुकदमा दर्ज करा सकती है। इसके साथ ही 2005 के घरेलू हिंसा के खिलाफ बने कानून में भी महिलाएं अपने पति के खिलाफ यौन हिंसा का केस दर्ज करा सकती हैं।  
वैवाहिक दुष्कर्म को लेकर सरकार का क्या रुख है?
2017 में, दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा था कि वैवाहिक दुष्कर्म का अपराधीकरण भारतीय समाज में विवाह की व्यवस्था को "अस्थिर" कर सकता है। ऐसा कानून पत्नियों को पति के उत्पीड़न के हथियार के रूप में काम करेगा। 2019 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने एक कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि, मानवाधिकार कार्यकर्ता इसे अपराध घोषित करने की मांग कर रहे हैं।