छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनकर ठगी, दो सगे भाइयों को पुलिस ने मिजोरम से किया गिरफ्तार
ऑटोमोबाइल इंजीनियर हैं दोनों भाई
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनकर ठगी करने वाले दो सगे भाइयों को पुलिस ने मिजोरम से गिरफ्तार किया है। दोनों भाई ऑटो मोबाइल इंजीनियर हैं। अपने मोबाइल के वाट्सएप DP में चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी का फोटो लगा लिया और अंबिकापुर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश (DJ) को मैसेज कर अमेजन का गिफ्ट कार्ड मांगा। हाईकोर्ट के प्रोटोकॉल अधिकारी ने इस तरह से फ्रॉड करने की जानकारी पुलिस को दी। जांच में पुलिस को आरोपियों का लोकेशन मिजोरम में मिला। साइबर फ्रॉड के इस मामले में ज्यूडिशियरी के किसी जानकार के शामिल होने की आशंका है। पूरा मामला चकरभाठा थाने का है। चकरभाठा TI मनोज नाइक ने बताया कि दोनों आरोपी सगे भाई हैं और ऑटो मोबाइल इंजीनियर हैं। उनका खुद का ऑटो मोबाइल का व्यापार है। इसके साथ ही एक आरोपी की पत्नी नर्स है।
हाईकोर्ट के प्रोटोकाल अधिकारी संजीव सिन्हा ने कुछ दिन पहले धोखाधड़ी का प्रयास किए जाने की शिकायत किए थे। उन्होंने पुलिस को बताया कि, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरूप कुमार गोस्वामी की वाट्सएप प्रोफाइल बनाकर अनजान मोबाइल से अंबिकापुर DJ राकेश बिहारी घोरे के मोबाइल पर मेसेज किया और अपनी व्यस्तता बताई। मैसेज से ही उन्हें अमेजन गिफ्ट कार्ड बनाकर भेजने के लिए कहा। मैसेज देखकर DJ राकेश घोरे को शक हुआ, तब उन्होंने इस तरह से मैसेज करने की जानकारी हाईकोर्ट के न्यायिक अधिकारियों को दी। चीफ जस्टिस गोस्वामी को भी इस घटना की जानकारी हुई, तब उन्होंने प्रोटोकॉल अधिकारी को केस दर्ज कराने के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज दर्ज साइबर सेल की मदद से जांच शुरू की।
ज्यूडिशियरी के जानकार के शामिल होने की आशंका
पुलिस अफसरों ने बताया कि दोनों ठगों ने जिस तरीके से हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का प्रोफाइल तैयार कर ठगी का प्रयास किया है। वैसे ही उनके पास छत्तीसगढ़ के साथ ही दूसरे राज्यों के भी अधिकारियों की तस्वीरें और प्रोफाइल मिला है। पुलिस की साइबर सेल उनके मोबाइल को जब्त कर डिटेल्स खंगाल रही है। पुलिस अफसरों ने बताया कि केस में ज्यूडिशरी के जानकार के शामिल होने की आशंका है। लिहाजा, पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से उसके संबंध में भी पूछताछ कर जानकारी जुटाएगी।
मिजोरम में मिला लोकेशन
पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपियों का लोकेशन मिजोरम के आइजोल में है। तकनीकी जांच में यह भी पता चला कि आरोपियों ने मोबाइल बंद कर दिया है। लेकिन, उनका सही लोकेशन मिलने के बाद पुलिस की टीम आइजोल पहुंची। वहां भाषा में दिक्कत होने पर पुलिस ने स्थानीय स्तर पर मुखबिर तैयार किया और चार दिन तक रैकी करने के बाद आरोपियों को पकड़ने उनके घर में दबिश दी। इस दौरान पुलिस ने लाल हमिंग सांग और उसके भाई जोथान मोविया को दबोच लिया। पूछताछ में उनके पास से मोबाइल और सिम बरामद हुआ। साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की। फिर उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर बिलासपुर लाने की अनुमति ली गई।