2000 के 86 हजार करोड़ नोट गायब
भ्रष्टाचारियों की तिजोरियों से निकल रहे 2 हजार के बंदल, बैंक व शहर से गायब
नई दिल्ली/पटना(एजेंसी)। 2 हजार रुपए के नोट शहर से लगभग गायब ही हो गए है। न तो यह बैंकों के एटीएम से निकल रहे है और न ही आम आदमी की जेब में है। भ्रष्टाचारियों की तिजोरियों से थोक में 2000 के नोट निकल रहे हैं।
2019 के बाद आरबीआई ने इन्हें छापना बंद कर दिया है। नोटबंदी के बाद आरबीआई के बिहार-झारखंड क्षेत्रीय कार्यालय को चलन में लाने के लिए करीब 90,000 करोड़ मूल्य के 45 करोड़ नोट मिले थे। बैंकिंग जगत से जुड़े सूत्रों की मानें तो वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस क्षेत्र में अब लगभग 4000 करोड़ मूल्य के 2 करोड़ नोट ही चलन में हैं। यानी, 96 फीसदी 2000 की करेंसी बिहार-झारखंड से या तो बाहर हो चुकी है या फिर कालाधन का हिस्सा बन चुकी है। कालाधन की बात इसलिए कि भ्रष्टाचारियों की तिजोरियों-तहखानों से थोक में 2000 के नोट निकल रहे हैं।
गौरतलब है कि मार्च 2022 तक देश में 2 रुपए से 2000 रुपए तक के 13,05,326 नोट चलन में थे जिनकी कुल वैल्यू 31,05,721 करोड़ रुपए है। इनमें 2000 रुपए के नोट की वैल्यू 4,28,394 करोड़ यानी महज 13.8% है। बीते तीन वर्षों में इन नोटों के चलन में 10% कमी आई है।
2019 से 2000 नोट की छपाई बंद
आरबीआई ने 2019 के बाद से 2000 के नोट छापने बंद कर दिए हैं। मूल वजह इन नोटों के कालेधन में कन्वर्जन की प्रवृत्ति को रोकना है। 2016 में नोटबंदी के बाद सरकार ने 1000 के नोट को चलन से बाहर करते हुए 2000 के नोट का चलन शुरू किया था। झारखंड आईएएस के ठिकानों से 19 करोड़ कैश मिले थे जिसमें 23 बंडल 2000 के नोट थे। हाजीपुर के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के ठिकानों से 1 करोड़ 76 लाख कैश जिसमें 2000 के 24 बंडल 48 लाख रुपए मिले थे।
बैकों में ही नहीं आ रहे 2000 के नोट, एटीएम से ट्रे हटाई
बैंकों की शाखाओं में 2000 के नोट करंसी चेस्ट से ही नहीं मिल रहे हैं। 20 से अधिक कैश कांउटर्स पर पूछताछ में पता चला कि इक्का-दुक्का कस्टमर ही 2000 के नोट जमा करने आते हैं। भास्कर ने 125 एटीएम से निकासी देखी। 50 % पुरानी एटीएम में से भी 2000 रुपए के नोट के कैलिबर ट्रे पूरी तरह हटा दिए गए हैं। बैंक के सूत्रों के अनुसार नई एटीएम में 2000 नोट के कैलिबर ट्रे लगाए ही नहीं जा रहे हैं।