दूसरों के शेयर किया अपने परिवार के नाम, दुर्ग के CA कोठारी परिवार पर 80 करोड़ से अधिक धोखाधड़ी का अपराध दर्ज करने कोर्ट ने दिए निर्देश
कोलकाता में भी की है 54 करोड़ की धोखाधड़ी
भिलाई। दुर्ग जिले के सीए और उसके परिवार के खिलाफ न्यायालय ने एक बार फिर से धोखाधड़ी के लिए थाना में अपराध दर्ज करने का निर्देश दिया है। कोठारी परिवार इससे पहले कोलकाता में 54 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में फरार बताया गया है। इस बार इनके खिलाफ 80 करोड़ से अधिक के शेयर की धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है। न्यायालय ने सुरेश कोठारी, कुसुम कोठारी, सिद्धार्थ कोठारी, ममता कोठारी, सीए श्रीपाल कोठारी पद्मनाभपुर दुर्ग निवासी के विरुद्ध सिटी कोतवाली दुर्ग पुलिस को धारा 420, 467, 468, 471, 406, 120 बी, 34 भादवि के तहत एफआईआर दर्ज कर अंतिम प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायालय प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट दुर्ग द्वारा दिया गया है।
गौरतलब हो कि रजत बिल्डकॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड दुर्ग कम्पनी के शेयर में फिर से एक बार 80 करोड़ से अधिक धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में दुर्ग निवासी सुरेश कोठारी, कुसुम कोठारी, सिद्धार्थ कोठारी, ममता कोठारी, श्रीपाल कोठारी पद्मनाभपुर दुर्ग ने मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर कम्पनी के शेयर जो महावीर आवास योजना प्राइवेट लिमिटेड दुर्ग के नाम पर थे, उसे सुरेश कोठारी ने अपने सहयोगी अन्य व्यक्तियों के साथ मिल कर अपने स्वयं के नाम पर चढ़ा लिया है। मामले की शिकायत महावीर आवास योजना प्राइवेट लिमिटेड दुर्ग के डायरेक्टर रजत सुराना के अधिवक्ता अभिषेक वैष्णव ने न्यायिक दण्डाधिकारी के समक्ष 156 (3) में याचिका प्रस्तुत किया था जिसमें न्यायालय द्वारा कार्यवाही करते हुए सिटी कोतवाली दुर्ग को आरोपी सुरेश कोठारी, सिद्धार्थ कोठारी, कुसुम कोठारी, ममता कोतारी एवं सीए श्रीपाल कोठारी के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 406, 120 34 के तहत अपराध दर्ज कर कोर्ट को सूचित करने का निर्देश दिया है। इस मामले का 28 जनवरी 2023 तक प्रतिवेदन भी प्रस्तुत करने निर्देशित किया गया है।
ज्ञात हो कि कोलकाता में भी आरोपी सुरेश कोठारी, सिद्धार्थ कोठारी एवं सीए श्रीपाल कोठारी के विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 471, 406, 120बी के तहत कोलकाता के बुर्ताल्ला थाने में अपराध दर्ज है। जिसमें तीनों आरोपियों के द्वारा 54 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर की धोखाधड़ी की है। फिलहाल सभी आरोपी फरार हैं एवं उच्च न्यायालय कोलकाता में यह मामला सीबीआई को स्थानांतरित करने आदेश हेतु लंबित है।