भिलाई के हाईटेक अस्पताल में आयुष्मान कार्ड से इलाज के नाम पर लूट, मरीज की मौत ने राज से उठाया पर्दा

कार्ड से रुपए भी काटे और नगदी 2.5 लाख भी ले लिए

भिलाई के हाईटेक अस्पताल में आयुष्मान कार्ड से इलाज के नाम पर लूट, मरीज की मौत ने राज से उठाया पर्दा

भिलाई। आयुष्मान कार्ड से उपचार के नाम पर कई अस्पतालों द्वारा मरीज के परिजनों से लगातार उगाही की जा रही है। प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण ऐसे निजी अस्पतालों के हौसले दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ऐसा की एक मामला दुर्ग जिले में प्रकाश में आया है। जहां भिलाई स्थित हाईटेक मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल द्वारा मरीज से आयुष्मान कार्ड से इलाज के नाम पर कार्ड से रुपए काटते हुए 2.50 लाख रुपए नगदी भी वसूले गए। मरीज की मौत पर जब परिजनों ने अस्पताल में बिल को लेकर हंगामा किया और पुलिस पहुुंची तो मामले का खुलासा हुआ। वहीं अस्पताल प्रबंधन ले लिखित में अपनी गलती स्वीकारते हुए मृतक के परिजनों को रुपए वापसी की बात कही है। वहीं सीएमएचओ दुर्ग डॉ. जेपी मेश्राम ने इस मामले जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है।
मिली जानकारी के अनुसार मरीज के परिजनों ने बताया कि मरोदा निवासी द्वारिका दास मानिकपुरी (60 साल) को गर्दन के पीछे गांठ की समस्या थी। उन्हें हाइटेक में न्यूरो सर्जन को दिखाया गया। उन्होंने कहा की गांठ में पानी भरा है। छोटा से आॅपरेशन करना पड़ेगा, जो आयुस्मान कार्ड से हो जाएगा। परिजन राजी हो गए और उन्होंने बीते 8 नवंबर को स्मृति नगर स्थित हाइटेक अस्पताल में मरीज को भर्ती कराया। वहां कुछ दिन इलाज के बाद आॅपरेशन के लिए 19 नवंबर की डेट दी गई। आॅपरेशन न्यूज सर्जन डॉ. नचिकेत दीक्षित और दीपक बंसल ने किया। सर्जरी के बाद द्वारिकादास की आवाज ही चली गई। परिजनों का आरोप है कि उन्हें सर्जरी से पहले यह नहीं बताया गया था कि सर्जरी कराने से उनकी आवाज चली जाएगी। सर्जरी के बाद बताया गया कि इसमें ये रिस्क रहता है। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज को कुछ दिन और रखना पड़ेगा वो ठीक हो जाएगा। इसके बाद 1 दिसंबर को बोला गया कि मरीज की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि द्वारिका दास को 22 दिन तक अस्पताल में रखकर केवल बिल बढ़ाने का काम किया गया। मौत से कुछ घंटे पहले 1 दिसंबर को कहा गया कि मरीज की हालत काफी खराब है उसे एम्स ले जाएं। इसके कुछ दे बाद मरीज की मौत की जानकारी दी गई।

शव लेने पहुंचे परिजनों ने किया था हंगामा
हाईटेक अस्पताल के खिलाफ काफी समय से इलाज के नाम पर मनमाना पैसा लेने की शिकायत मिल रही थी। मरोदा निवासी द्वारिकादास मानिकपुरी (60 साल) की मौत ने उस सच से पर्दा उठा दिया है। परिजनों ने बताया कि हाईटेक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 8 नवंबर को द्वारिकादास को भर्ती कराया गया था। उनके गले की नस का आॅपरेशन हुआ था। पूरा इलाज आयुष्मान कार्ड से हुआ और उससे ढाई लाख रुपए के करीब जो रकम काटी गई उसका मैसेज भी परिजनों के मोबाइल में आया। इसके बाद भी अस्पताल के लोगों ने महंगा इलाज होने की बात कहकर परिजनों से ढाई लाख रुपए अलग से जमा करवा लिया था। बुजुर्ग की मौत के बाद जब परिजनों ने हंगामा किया और पुलिस आई, तब जाकर हाईटेक अस्पताल प्रबंधन ने स्वीकार किया उन्होंने आयुष्मान योजना से इलाज के बाद भी परिजनों से इलाज का पैसा जमा करवाया था।

सादे कागज में दिया गया था बिल
मरीज के परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें एक सादे कागज में बिल बनाकर रुपए जमा करने को कहा था। उन्होंने मांग के अनुरूप लगभग ढाई लाख रुपए अस्पताल में जमा कराए। अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें जो बिल दिया उसमें ये नहीं दर्शाया गया कि मरीज के लिए कब किस समय दवा ली गई है। केवल दवाओं का नाम और उसका मूल्य दर्शाकर बिल बनाया गया है।

आयुष्मान से रुपए लेट आता है इसलिए ली गई है नगदी
हाईटेक अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ. रंजन सेनदास गुप्ता ने इस बात को स्वीकार किया कि द्वारिकादास मानिकपुरी का इलाज उनके यहां आयुष्मान योजना से हो रहा था। उन्होंने कहा कि सरकार से आयुष्मान का पैसा काफी लेट आता है। इसके चलते वो लोग मरीज के परिजनों से एडवांस में पैसा जमा करवाते हैं। उन्होंने ये बात बकायदा लिखित में दी है। उन्होंने लिखा है कि द्वारिका दास का इलाज 8 नवंबर से हाईटेक अस्पताल में किया जा रहा है। इस दौरान उनकी मृत्य 1 दिसंबर को हो गई है। उनका इलाज आयुष्मान के अंतर्गत किया जा रहा था। उसके सभी बिलों की जांच करके यदि कोई अतरिक्त बिलिंग हुई है तो वो पैसा लौटाया जाएगा।