डीपीएस स्कूल भिलाई की शिकायत कलेक्टर से
आरटीई के तहत नहीं मिल रहा है एडमिशन
दुर्ग। राइट टू एजुकेशन यानि कि शिक्षा के अधिकार के तहत प्राइवेट स्कूलों में बीपीएल श्रेणी में आने वाले बच्चों का दाखिला होना है। आज दुर्ग कलेक्टर के जनदर्शन में ऐसा ही एक मामला आया। जिसमें स्कूल प्रबंधन के दावों की पोल खुल गई। इस बात का खुलासा जिला प्रशासन की ओर से जारी प्रेस रिलीज में हुआ है। जिला प्रशासन की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि, नागरिक अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्टर जनदर्शन में पहुंच रहे हैं और प्रशासनिक अमला भी उनके आवेदनों के निराकरण के लिए सतत् प्रयासरत हैं। राइट-टू-एजुकेशन में चयनित हुई छात्रा को स्कूल प्रबंधन प्रवेश नहीं दे रहा है इसे लेकर आवेदक ने आज कलेक्टर के समक्ष् जनदर्शन में आवेदन लगाया है। अपने आवेदन में उसने उल्लेखित किया है कि उसकी बेटी का चयन राइट-टू-एजुकेशन के तहत् डी.पी.एस. भिलाई में हुआ था। स्कूल प्रबंधन के द्वारा वांछित मूल्य दस्तावेजों का सत्यापन भी किया जा चुका है परंतु आवेदक को सूचित किया गया कि प्रवेश के लिए उन्हें अलग से जानकारी मुहैया कराई जाएगी। काफी दिनों पश्चात् जब आवेदक द्वारा प्रवेश के संबंध में जानकारी मांगी गई तो आवेदक को पुनः फोन पर सूचना दी जाएगी ऐसा कहा गया। कोई सूचना न मिलने पर आवेदक 01 जुलाई को स्कूल गया तब उसे शाला प्रबंधक द्वारा बताया गया कि प्रवेश की अंतिम तिथि 30 जून थी क्योंकि आप एडमिशन के लिए नहीं आए इसलिए आपका स्थान निरस्त कर दिया गया। आवेदक का कथन था कि डी.पी.एस. स्कूल भिलाई के द्वारा गुमराह कर उसकी पुत्री को प्रवेश से वंचित किया गया है। क्योंकि यह आवेदक की बेटी के भविष्य से जुड़ा है इसलिए आवेदक का कलेक्टर से निवेदन है कि डी.पी.एस. भिलाई में प्रवेश दिलाकर उसके बच्ची का भविष्य सुनिश्चित किया जाए। कलेक्टर ने मामले का संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारी को प्रकरण प्रेषित किया। आज जनदर्शन में विधवा पेंशन को लेकर भी एक आवेदिका कलेक्टर के समक्ष् पहुंची थी जिसमें उसने बताया कि वर्ष 2017 में उसके पति की मृत्यु हुई है। परंतु उसे शासन द्वारा विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है।