महादेव सट्टा मामले में गिरफ्तार इस आरक्षक की गई नौकरी, पुलिस अधीक्षक ने जारी किया आदेश
भिलाई। पुलिस अधीक्षक दुर्ग जितेन्द्र शुक्ला ने महादेव सट्टा मामले में निलंबित आरक्षक क0 1046 सहदेव सिंह यादव को सेवा से पदच्युत कर दिया है। जारी आदेश में पुलिस अधीक्षक दुर्ग जितेन्द्र शुक्ला ने कहा कि मैं, जितेन्द्र शुक्ला, पुलिस अधीक्षक दुर्ग, भारत का संविधान के अनुच्छेद-311 के खंड (2) के उपखंड "ख" के अधीन प्रदत्त शक्तियों के आधार पर निलंबित आरक्षक क्रमांक 1046 सहदेव सिंह यादव रक्षित केन्द्र दुर्ग को उपरोक्त गंभीर कदाचरण के लिए आदेश दिनांक 15/07/2024 से "सेवा से पदच्युत" (Dismissal from service) करता हूँ।
जारी आदेश में पुलिस अधीक्षक दुर्ग जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि आरक्षक क0 1046 सहदेव सिंह यादव (हाल निलंबित) कर्तव्य से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने का आदी है एवं पूर्व में अनाधिकृत अनुपस्थिति के लिए 02 बार दंडित किया गया है। तत्पश्चात रक्षित केन्द्र व चौकी जेवरा सिरसा में तैनाती के दौरान कर्तव्य व स्वीकृत अवकाश से 127 दिवस अनुपस्थित रहने के आरोप पर इस कार्यालय द्वारा आदेशित विभागीय जांच में प्रमाणित आरोप के लिए आदेश क्रमांक पुअ / दुर्ग / एसटी/ 01/ वि०जां0/16/2023 दिनांक 28.02.2024 के माध्यम से दीर्घशस्ति वर्तमान वेतनमान में एक वेतनवृद्धि के बराबर की राशि वेतन में संचयी प्रभाव से कमी करने का दंड से दंडित किया गया।
थाना कुम्हारी तैनाती के दौरान दिनांक 06.07.2022 से 09.11.2022 तक अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने एवं इस अवधि में आर0 क01046 सहदेव सिंह यादव (हाल निलंबित) के भारतीय स्टेट बैंक खाता क्र0 20064253517 में बिना विभागीय अनुमति बड़ी धनराशि विभिन्न माध्यमों से लेन-देन कर पुलिस रेग्यूलेशन एवं म०प्र० छ०ग० सिविल सेवा आचरण नियम के विपरीत कृत्य पर विभागीय जांच क्रमांक वपुअ/दुर्ग/एसटी/01/विजांच/02/2024 दिनांक 17.01.2024 आदेशित की गई।
चौकी स्मृतिनगर तैनाती के दौरान दिनांक 3.12.2023 को मतगणना की रिहर्सल जैसे महत्वपूर्ण डयूटी लगाई गई थी किन्तु दिनांक 2.12.2023 से अनाधिकृत अनुपस्थित हो गया। प्रवर्तन निदेशालय, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार, रायपुर जोनल कार्यालय द्वारा Prevention of Money Laundering Act 2002 (15of 2003) के तहत की जा रही जांच में आरक्षक क्रमांक 1046 सहदेव सिंह यादव (हाल निलंबित) को समन क्रमांक पीएमएलए समन / आरपीजेडओ / 2023/560 दिनांक 07.12. 2023 जारी हुआ था किन्तु कर्तव्य से अनुपस्थिति के कारण समन की तामिली नहीं हो सकी। संभवतः आरक्षक क0 1046 सहदेव सिंह यादव को उसके विरूद्ध ई०डी० (Directorate of Enforcement) की कार्यवाही का संज्ञान हो चुका था इस कारण कार्यवाही की नोटिस (समन) के पूर्व ही वह फरार हो गया। आरक्षक क० 1046 सहदेव सिंह यादव (हाल निलंबित) का आचरण संदिग्ध परिलक्षित होने पर इस कार्यालय के आदेश क्रमांक पुअ/दुर्ग/स्टे-01/निलं/03/2024 दिनांक 06.02.2024 के माध्यम से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर रक्षित केन्द्र सम्बद्ध किया गया था, किन्तु आरक्षक क0 1046 सहदेव सिंह यादव (हाल निलंबित) इस आदेश का पालन न कर लगातार अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहा। अनाधिकृत अनुपस्थिति व संदिग्ध आचरण परिलक्ष्ति होने पर विभागीय जांच क्रमांक पुअ/दुर्ग/एसटी 01/वि०जांच/06/2024 दिनांक 20.03.2024 आदेशित की गई। आरक्षक क्रमांक 1046 सहदेव सिंह यादव (हाल निलंबित) द्वारा उक्त आदेशित दोनों विभागीय जांच में किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं किया जा रहा है एवं सूचना प्राप्ति उपरांत भी विभागीय जांच कार्यवाही में उपस्थित नहीं हुआ है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एवं एंटी करप्शन ब्यूरो छ0ग0, रायपुर द्वारा पत्र क्रमांक ब्यूरो/वपुअ/पी-8186/2024 दिनांक 11.07.2024 में सूचित किया गया है कि राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों में अप० क0 06/2024 धारा 406, 420,467,468,471,120 बी, 34 भा.द.वि एवं 7,11 भ्र.नि.अधि. 1988 यथासंशोधित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की विवेचनाक्रम में आरोपी सहदेव सिंह यादव (आरक्षक) को दिनांक 11.7.2024 के 18.10 बजे विधिवत् गिरफ्तार किया गया है।
उपरोक्त सभी कृत्य निलंबित आरक्षक क्रमांक 1046 सहदेव सिंह यादव के अपराधिक आचरण, अनुशासनहीनता व स्वेच्छाचारिता प्रवृत्ति को दर्शाता है। कृत्य व पंजीबद्ध अपराध अत्यंत गंभीर प्रकृति का है एवं म०प्र०/छ0ग० पुलिस रेग्यू० पैरा 64 (1) के प्रावधान कि "प्रत्येक पुलिस पदाधिकारी केवल पुलिस सेवा के लिए अपना पूरा समय लगायेगा। वह किसी भी व्यापार या व्यवसाय में जैसा भी हो, भाग नहीं लेगा जब तक कि ऐसा करने के लिए स्पष्ट रूप से अनुमति प्राप्त न हो।" का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है।
अपराधिक प्रकरण में गिरफ्तार व निलंबित आरक्षक के उपरोक्त कृत्यों की जांच किया जाना युक्तियुक्त रूप से व्यवहार्य नहीं है। अनुशासनहीन एवं गंभीर अपराधिक प्रवृत्ति के ऐसे कर्मचारी का पुलिस जैसे अनुशासित विभाग में बना रहना विभाग व जनहित में उचित नहीं है, विभागीय कर्मचारी द्वारा इस प्रकार के गंभीर अपराधिक कृत्य प्रदर्शित करने पर कड़ी कार्यवाही किया जाना नितांत आवश्यक है, ताकि समाज में विभाग के उच्च स्तरीय मानकों की छवि बरकरार रहने के साथ ही विभागीय व्यवस्था सुदृढ़ बनी रहे।
अतः मैं, जितेन्द्र शुक्ला, पुलिस अधीक्षक दुर्ग, भारत का संविधान के अनुच्छेद-311 के खंड (2) के उपखंड "ख" के अधीन प्रदत्त शक्तियों के आधार पर निलंबित आरक्षक क्रमांक 1046 सहदेव सिंह यादव रक्षित केन्द्र दुर्ग को उपरोक्त गंभीर कदाचरण के लिए आदेश दिनांक 15/07/2024 से "सेवा से पदच्युत" (Dismissal from service) करता हूँ।
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