पहल: गर्मियों मे पक्षियों को बचाने मिट्टी के सकोरे लगाने चलाया जा रहा है विशेष अभियान

पहल: गर्मियों मे पक्षियों को बचाने मिट्टी के सकोरे लगाने चलाया जा रहा है विशेष अभियान

भिलाई। गर्मी में पानी को अमृत के समान माना जाता है। मनुष्य को प्यास लगती है तो वे कहीं भी मांग कर पी लेता है, लेकिन मूक पशु पक्षियों को प्यास में तड़पना पड़ता है, हालांकि जब वे प्यासे होते हैं तो घरों के सामने दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं। कुछ लोग पानी पिला देते हैं तो कुछ लोग भगा भी देते है और इन्ही कारणों से भारत मे पाए जाने वाले कई विशेष प्रजातियों के पक्षियों की तड़पक मौत हो जाती है।

इस बढ़ते तापमान मे पक्षियों को गर्मीयो मे मौत से बचाने हेतु इंदिरा गांधी शास. स्नात.महाविद्यालय, भिलाई के एन.एस.एस स्वयंसेवक व युवोदय "दुर्ग के दूत" योगेश कुमार साहू और उनके मित्रों के द्वारा मिट्टी के सकोरे लगाने हेतु विशेष पहल चलाया जा रहा है। एन.एस.एस स्वयंसेवको एवं जिले के विकास मे कार्य कर रहे युवोदय दुर्ग के दूत की टीम ने सोमवार को नगर पालिका निगम, भिलाई जिला- दुर्ग के पेड़ मे मिट्टी के सकोरे लगाए। इस बीच यूनिसेफ छ.ग के जिला समन्वयक श्री शशांक शर्मा ने स्वयं मिट्टी के सकोरे लगाकर इस पहल की शुरुआत कर सभी को अपने घरों के आंगन व बालकनी आसपास के बाग बगीचे, पार्क पेड़ पौधों आदि जगहों मे लगाने हेतु आग्रह किये है। स्वयंसेवकों के द्वारा चलाये जा रहे इस सराहनी पहल का जिला प्रशासन दुर्ग, वैशाली नगर महाविद्यालय प्राचार्य डॉ.अलका मेश्राम व एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी सुरेश कुमार ठाकुर, डॉ. चांदनी मरकाम समेत सभी लोगो के द्वारा काफी प्रशंसा किया जा रहा है। 

 आखिर क्यों जरूरत है समय- समय पर ऐसे पहलों की

योगेश साहू ने बताया कि आने वाले महीने में जेठ में और अधिक गर्मी बढ़ने की संभावना है। गर्मी में मनुष्य के साथ-साथ सभी प्राणियों को पानी की आवश्यकता होती है। इस गर्मी में अगर सबसे ज्यादा शामत किसी की आ रही है तो वे है बेजुबान पक्षी की और बेजुबान पक्षियों की रक्षा हमारा कर्तव्य और धर्म है।सबसे बड़ी चुनौती पक्षियों को गर्मी के मौसम में पीने के पानी की होती है। इन मासूमों को पीने को पानी ही नसीब नहीं हो रहा है और इसकी जिम्मेदारी किसी सरकार की नहीं हमारी खुद की है, पक्षियों की पुकार को सुनें और इनके लिए सकोरे (जलपात्र) व दाना पात्र आवश्यक स्थान पर रखें ताकि ये प्यासे और भूखे ना मरें।

पिछले वर्ष इनके द्वारा चलाये गए अभियान मे देश भर के अनेक स्वयंसेवको ने बढ़- चढ़कर हिस्सा लेते हुए अपने राज्यों, जिलों व देश के विभिन्न महाविद्यालय/विश्वविद्यालयों एवं रेलवे स्टेशन, पुलिस स्टेशनों आदि प्रमुख स्थानों मे सकोरे एवं दाना पात्र रखा गया था।इस वर्ष भी उनके टीमो के द्वारा लोगो को जागरूक करने हेतु उनके द्वारा लगातार सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों सभी से अपील किया जा रहा है की मिट्टी के सकोरे मे जल भरकर दाना पात्र घर की छत या बालकनी में अवश्य रखें ताकि पशु पक्षी अपनी प्यास बुझा सकें।

इस अभियान मेंविजय गुप्ता, बृजेश, छत्रपाल, पुरुषोत्तम सिंह, ओमकार, कौशल, प्रकाश, अविनाश, भास्कर, लक्की, प्रगति मोहबे, झरना साहू, साक्षी, भूमिका, चंचल आदि स्वयंसेवक शामिल है।