बीएसपी ब्लास्ट फर्नेस में लगी आग से एक की मौत, एक गंभीर

मेंटेनेंस के दौरान हुआ हादसा

बीएसपी ब्लास्ट फर्नेस में लगी आग से एक की मौत, एक गंभीर

भिलाई(असं)। भिलाई स्टील प्लांट के ब्लास्ट फर्नेस 7 में बुधवार को एक बड़ा हादसा हो गया। अचानक आग लगने से मरम्मत कर रहे दो ठेका श्रमिक बुरी तरह झुलस गए। इसमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं दूसरे मजदूर की हालत गंभीर बताई जा रही है। उसे सेक्टर 9 हॉस्पिटल के बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया है। दोनों ठेका श्रमिक अमन कंस्ट्रक्शन के लिए कार्य करते थे। दुर्घटना के बाद उन्हें सेक्टर 9 अस्पताल ले जाया गया। यहां स्टोरपारा पुरैना निवासी राहुल उपाध्याय को मृत घोषित कर दिया। वहीं परमेश्वर की हालत गंभीर बताई गई। मृतक कमाने वाला परिवार के एकलौता व्यक्ति था उनके तीन बच्चे हैं.


मिली जानकारी के अनुसार ब्लास्ट फर्नेस 7 में बुधवार सुबह से मरम्मत का कार्य चल रहा था। इस कार्य में 4 ठेका श्रमिक राहुल उपाध्याय (32 साल), परमेश्वर सिखा (25 वर्ष), तरुण सिखा (31 वर्ष) और सचिन सिंह (35 वर्ष) को लगाया था। दुर्घटना से कुछ देर पहले लगभग दोपहर 12 बजे तरुण और सचिन पानी पीने के लिए ब्लास्ट फर्नेस के अंदर से बाहर आ गए। राहुल और परमेश्वर फर्नेस के अंदर ही काम कर रहे थे। दोपहर 12.30 से 1 बजे के बीच अचानक फर्नेस के अंदर आग लग गई। दोनों मजदूर आग से बचने के लिए सेफ्टी बेल्ट खोलने लगे। परमेश्वर सेफ्टी बेल्ट खोलकर नीचे कूद गया, लेकिन राहुल का सेफ्टी बेल्ट नहीं खुला। इससे राहुल ब्लास्ट फर्नेस के अंदर ही झुलस कर खत्म हो गया और परमेश्वर 80 प्रतिशत झुलस गया। उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।


श्रमिक नेताओं में गुस्सा
इस हादसे से बीएसपी ठेका श्रमिक और उनके नेताओं में काफी रोष व्याप्त है। सीटू नेता योगेश सोनी ने आरोप लगाया कि सेल की तमाम इकाइयों में ठेका श्रमिकों की दुर्घटना से होने वाली मौतों का आंकड़ा काफी अधिक है। बीएसपी का पूरा कार्य आधे से ज्यादा कुशल अकुशल ठेका श्रमिकों के कंधों पर है। बीएसपी अधिक मुनाफा कमाने के लालच में कम वेतन में ठेका श्रमिकों को ठेकेदार के माध्यम से लेती है। कम वेतन व अधिक मुनाफे के लिए ठेकेदार पुराने अनुभवी मजदूरों की छटनी कर नए श्रमिकों से काम लेना लेता है जिससे दुर्घटना होने की संभावना बढ़ा जाता है। नए श्रमिकों को पर्याप्त सुरक्षा ट्रेनिंग नहीं मिलती और वह कार्यस्थल की उतनी जानकारी भी नहीं रखते। यही कारण है कि वह दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा देते हैं।
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