सीआईएसएफ भर्ती में दो मुन्नाभाई यूपी से गिरफ्तार

अब तक कुल 8 आरोपी पुलिस गिरफ्त में, 

सीआईएसएफ भर्ती में दो मुन्नाभाई यूपी से गिरफ्तार

भिलाई। सीआईएसएफ भर्ती परीक्षा मामले में  पुलिस ने 2 मुन्नाभाई को यूपी में पकडऩे में सफलता पाई है। इस मामले में पुलिस ने अब तक कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं सरगना सहित 5 अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।  
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सीआईएसएफ की आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जी रूप से लिखित परीक्षा  देने वाले दो आरोपियों को दुर्ग पुलिस ने उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के फतेहाबाद से गिरफ्तार किया है। 
एसडीओपी देवांश राठौर ने बताया कि 18 मई को सीआईएसएफ की आरक्षक जीडी 2021 की परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। विवेचना के दौरान 19 मई को 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया था। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि सत्यपाल सिंह (24 साल) निवासी खण्डेर थाना व तहसील फतेहाबाद जिला आगरा उत्तर प्रदेश ने इनकी जगह लिखित परीक्षा दी थी। लिखित परीक्षा में सम्मिलित होने के एवज में आरोपी नत्थीलाल (20 वर्ष) निवासी शहाविद थाना निभौरा जिला आगरा ने सभी अभ्यर्थियों से दो लाख रुपए लिए थे। इसके बाद एसपी दुर्ग डॉ. अभिषेक पल्लव, एसडीओपी पाटन देवांश सिंह राठौर के मार्गदर्शन में एक टीम को आगरा भेजा गया। थाना उतई से यूपी गई टीम ने आरोपी सत्यपाल सिंह और नत्थीलाल को गिरफ्तार  कर दुर्ग लेकर आई।
गिरफ्तार आरोपी में सत्यपाल सिंह ने लिखित परीक्षा दिया था इसकी पहचान केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के बायोमैट्रिक मशीन से फिंगरप्रिंट मिलान करके कर ली गई है। दूसरे आरोपी नत्थीलाल ने भी यह कबूल कर लिया है कि उसने अभ्यर्थियों से लिखित परीक्षा पास कराने के एवज में दो लाख रुपए लिया था।
इस पूरे भर्ती गिरोह का सरगना मध्य प्रदेश आम्र्स फोर्स में 17वीं बटालियन का जवान डीएस तोमर है। जैसे ही इसे पता चला कि मामले में पुलिस उन्हें खोज रही है वह बटालियन में रवानगी डालकर छुट्टी पर चला गया। इसके साथ ही पुलिस को सुनील, उदय भान, रॉबिन और धरमपाल की भी तलाश है। ये चारों भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी थे। इनके नाम पर ही आवेदन फार्म और प्रवेश पत्र था। इनके द्वारा पैसा दिया गया इसके बाद इनकी जगह पर सत्यपाल ने बैठकर रिटेन निकाला। चारों लोगों के इंट्रेंस एग्जाम अलग-अलग डेट पर थे, इसलिए सत्यपाल ने ही चारों का पेपर साल्व किया और उनका रिटेन भी क्वालीफाई हुआ था।
 गिरफ्तार आरोपी में सत्यपाल सिंह उक्त चारों आरोपी के जगह लिखित परीक्षा दिया था जिसकी पहचान केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के बायोमैट्रिक मशीन से फिंगरप्रिंट मिलान कर पहचान हो चूकी है तथा दूसरा आरोपी नत्थीलाल के द्वारा अरोपियों को शारीरिक दक्षता परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु लेकर आना तथा उसके एवज में दो लाख रूपये लेना बताया है। प्रकरण के अन्य फरार 05 आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है , उनकी गिरफ्तारी हेतु हर संभव प्रयास किया जा रहा है। गिरफ्तार आरोपियों द्वारा अपराध घटित करना स्वीकार करने से विधिवत गिरफ्तार कर आरोपियों को न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया। इस कार्रवाई में एसडीओपी देवांश सिंह राठौर थाना प्रभारी निरीक्षक नवी मोनिका पाण्डेय, उपनिरीक्षक के.एल. गौर, सउनि राजकुमार देशमुख, चंद्रशेखर सोनी आरक्षक सुरेन्द्र सिंह चौहान, आकाश तिवारी, महेश देवांगन, दुष्यंत लहरे, मुकेश यादव, अमर नायक, विजय कुर्रे, राकेश साहू का सराहनीय योगदान रहा।
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