रिसाली नगर निगम में भ्रष्टाचार का टेंडर, 10 फीसदी कमीशन देने पर ही मिलता है काम, निविदा निरस्त करने की मांग
पंजीकृत ठेकेदारों ने लगाए कई गंभीर आरोप
भिलाई। नगर निगम रिसाली के पंजीकृत ठेकेदारों ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए बुधवार को ज्ञापन सौंप निविदा निरस्त करने की मांग की है। करीब 6 करोड़ रुपए के 93 निविदा को 10-10 परसेंट के कमीशन पर बेचे जाने का आरोप पार्षदों व एमआईसी सदस्यों पर ठेकेदारों ने लगाया है।
राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सचिव नगरीय प्रशासन मंत्रालय, संभाग आयुक्त दुर्ग, प्रधानमंत्री कार्यालय भारत सरकार, आर्थिक अपराध शाखा (ईडब्ल्यूओ) तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के नाम आयुक्त को सौंपे गए ज्ञापन में ठेेकेदारों ने कहा कि निविदा सूचना क्रमांक लो.क.वि/2003/369 रिसाली दिनांक 15.05.2023 संदर्भित खुली निविदा सूचना में पंजीकृत ठेकेदारों को भाग नहीं लेने दिया गया है जो पीडब्ल्यूडी मैनुअल नगर पालिक निगम अधिनियम तथा संविधान का स्पष्ट तथा खुला उल्लंघन है। निविदा को निजी लाभ के लिए बेचे जाने का अपराधिक कृत्यु है। इससे नगर पालिक निगम रिसाली को राजस्व की भी अत्यधिक हानि हुई है। ठेकेदारों ने निविदा को निरस्त कर पुन: निविदा बुलाने की मांग की है जिसमें शासन द्वारा स्थापित नियमों, अधिनियमों व संविधान का पालन सुनिश्चित हो सके।
ज्ञापन सौंपने वाले ठेकेदारों में लोकुमल होतवानी, वासुदेव यादव, ओम प्रकाश सिंह, राजेश यादव, बृज सिंह, प्रमोद चौधरी, मल्लू सिंह, रंजीत यादव अशोक कुमार तिवारी, संजय पटेल, बिजेन्द्र उपाध्याय, उपेन्द्र शर्मा, सत्येन्द्र दुबे, विपिन सिंह, एसएस वर्मा, अनिल राय, राकेश तिवारी, अजीत परिहार, राजेन्द्र चौरसिया, दीप विजय सिंह, विजय सिंह, अजय चौधरी, मुकेश तिवारी, रंग बहादुर सिंह, श्याम सुंदर, अनिल साहू, अजीत साहू, अजीत चौधरी, जगत पति राय, सुनील दत्त प्रसाद, राजू राम, आकाश सिंह, हरिश चन्द्र सारंग आदि शामिल थे।
40 वार्डों के लिए बुलाए गए थे करीब 6 करोड़ के टेंडर
ठेकेदार संघ नगर निगम रिसाली के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद चौरसिया ने बताया कि 40 वार्डों के लिए करीब 6 करोड़ रुपए के 93 ओपन टेंडर बुलाए गए थे। नियम व शर्तों के अनुसार ओपन टेंडर का लिस्ट व टेंडर मिलने वाले ठेकेदारों का लिस्ट सूचना पटल पर लगाना आवश्यक है लेकिन रिसाली नगर निगम में ऐसा नहीं किया जाता। पार्षद और एमआईसी सदस्यों द्वारा 10-10 परसेंट कमीशन देने वाले ठेकेदारों को टेंडर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जिन ठेकेदारों को टेंडर मिला है उनके से कई बाहर के ठेकेदार है। टेंडर के नाम पर रिसाली नगर निगम में भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। इसलिए ठेकेदारों द्वारा भ्रष्टाचार की जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रायपुर से जांच की मांग की है।