सरकार अपराधी चला रहे हैं, सरकार के कई अधिकारी अभी जेल में है, कांग्रेस हुआ बेनकाब-रमन सिंह
रायपुर। टूल किट मामले में हाई कोर्ट के एफआईआर निरस्त किए जाने के फैसले को पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने महत्वपूर्ण करार दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एफआईआर का उपयोग हथियार की तरह करती है. कोरोना काल में मैने सोशल मीडिया में मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए कांग्रेस के विदेशी मीडिया का प्रयोग करने की बात कही थी. इस पर कांग्रेस के लोगों ने संबित पात्रा और मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया था. न्यायालय ने फर्जी एफआईआर को निरस्त कर दिया है.
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपने निवास में आयोजित प्रेसवार्ता में कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार अपराधी चला रहे हैं. जितने अधिकारी इस सरकार के हैं, सभी जेल में हैं. मुख्यमंत्री की निज सचिव जेल पर हैं, और मुख्यमंत्री बेल पर हैं. पीएससी की चयन सूची पर उच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई पर कहा कि कोर्ट ने पीएससी घोटाले ने फटकार लगाई है. उन्होंने कहा कि चार – चार लोगों का सलेक्शन डीएसपी के लिए हुआ है, जो एक ही परिवार के हैं, जिसमें चाचा, पिता सहित उनके परिवार का सदस्य हैं. लाखों लोगो के मन में इसको लेकर संदेह हुआ होगा. महिला बिल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधेयक को मंजूरी दिलाई है. नए संसद में बिल पर ऐसा फैसला माइन स्टोन बनने के लिए किया जा रहा है. ये महिलाओं की उन्नति के दिशा में सार्थक होगा. ये बड़ा फैसला है. महिलाओं के समर्थन की बात कही गई है. उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में मेरे खिलाफ कांग्रेस की फर्जी एफआईआर को खारिज करने तथा सभी मामले समाप्त करने का फैसला दिया है। यह छत्तीसगढ़ के हालात हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि दरअसल बात शुरू होती है मेरे सोशल मीडिया में किए गए पोस्ट को लेकर। वह जो पोस्ट था, उसमें मैंने कोरोना संकट के समय कांग्रेस की राजनीति पर पोस्ट किया था कि कांग्रेस की बिलो द बेल्ट राजनीति देखकर शर्म आती है विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने कांग्रेस कुम्भ का दुष्प्रचार व जलती लाशों की फोटो दिखाने का षड्यंत्र कर रही है। कांग्रेस महामारी के साथ लड़ने के बजाए लोगों को आपस में लड़ा रही है। विदेशी मीडिया में मोदी सरकार को बदनाम करने का षड्यंत्र कांग्रेस ने किया था, उसे एक्सपोज करने का काम मैंने किया था। हमारे साथी संबित पात्रा और मेरे खिलाफ कांग्रेस के लोगों ने एफआईआर की। यह उनकी मानसिकता है। उनके काले कारनामे के खिलाफ कोई कुछ भी बोले तो एफआईआर दर्ज करके अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने का प्रयास करते हैं। यह सारे मामले जब न्यायालय तक पहुंचाते हैं तो क्या हश्र होता है? एक बार फिर कांग्रेस के काले कारनामे के कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा। न्यायालय ने फर्जी एफआईआर को निरस्त कर दिया। यह बहुत महत्वपूर्ण फैसला है। यह एक सबक है। कोई सरकार सत्ता का किस प्रकार दुरुपयोग करने के लिए विरोधियों को दबाने का षड्यंत्र करती है, इसका इससे बड़ा उदाहरण कोई और नहीं होगा। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि दूसरा फैसला पीएससी के मामले में है। हाई कोर्ट ने न केवल कांग्रेस सरकार को फटकार लगाई बल्कि पीएससी अध्यक्ष के रिश्तेदारों की नियुक्ति पर रोक लगा दी। पीएससी पारदर्शी प्रक्रिया में असफल रही है। छत्तीसगढ़ के लाखों युवाओं के भविष्य की बात है। आज स्पष्ट रूप से न्यायालय ने नाराजगी व्यक्त की। सरकार ने भ्रष्टाचार में पीएससी को भी नहीं छोड़ा। पैसों से पैसों का लेनदेन किया गया। अधिकारियों का षड्यंत्र रहा। आश्चर्य होता है कि पीएससी अध्यक्ष के कई सारे रिश्तेदार का चयन डिप्टी कलेक्टर डीएसपी के पद पर होता है। यह छत्तीसगढ़ को कलंकित करने वाला कारनामा है। लाखों युवाओं के मन में संतोष हुआ होगा। आज न्यायालय ने साफ कर दिया कि इस तरह की प्रक्रिया नहीं चल सकती।