चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान-3 का सफलतापूर्वक प्रवेश

चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान-3 का सफलतापूर्वक प्रवेश

बंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मिशन चंद्रयान-3 के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। दरअसल, इस यान ने चार अगस्त को दो-तिहाई दूरी पूरी कर ली। वहीं, एक दिन बाद इसका चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्व प्रवेश हो गया है।  

अंतरिक्ष एजेंसी ने आज जानकारी दी कि चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्व प्रवेश करा दिया गया है। पेरिलून में रेट्रो बर्निंग की कमान मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स), आईएसटीआरएसी, बेंगलुरु से की गई थी। अगला ऑपरेशन (कक्षा में कमी) 6 अगस्त, 2023 को भारतीय समयानुसार लगभग 23:00 बजे के लिए निर्धारित है। चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था।

37,200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार
चंद्रयान अभी करीब 37,200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चांद की ओर बढ़ रहा है। चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद यह उसकी सतह से लगभग 40 हजार किलोमीटर दूर रह जाएगा। अंतरिक्ष एजेंसी पूर्व में बता चुकी है कि भारत के तीसरे चंद्र मिशन की स्थिति पूरी तरह सामान्य है और 23 अगस्त को चांद की सतह पर इसकी सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास किया जाएगा।

चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बनेगा भारत
चंद्रयान-3 की अगर चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग होती है तो भारत अमेरिका, चीन और रूस के बाद इस क्षमता को हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा। लैंडिंग पर यह यान एक चंद्र दिवस के लिए काम करेगा, जो कि पृथ्वी पर 14 दिनों के बराबर होता है।