स्कूल संबंधी पुस्तकों व यूनिफार्म के लिए स्कूल प्रबंधन पालकों को नहीं कर पाएगा बाध्य, कमीशनखोरी पर लगेगी रोक

स्कूल संबंधी पुस्तकों व यूनिफार्म के लिए स्कूल प्रबंधन पालकों को नहीं कर पाएगा बाध्य, कमीशनखोरी पर लगेगी रोक

शासकीय उचित मूल्य दुकान को लेकर  4 घंटे के भीतर कलेक्टर ने जनहित में जारी किया आदेश

भीषण गर्मी को देखते हुए सुबह 7ः00 से 12ः00 बजे तक व शाम को 4 बजे से 7ः00 बजे तक के बीच में मिलेगा राशन

स्कूल संबंधी पुस्तकों व यूनिफार्म के लिए स्कूल प्रबंधन पालकों को नहीं कर पाएगा बाध्य, कमीशनखोरी पर लगेगी रोक

जनदर्शन में कुल 151 आवेदन प्राप्त हुए

    दुर्ग। आज कलेक्टर जनदर्शन में कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा के समक्ष् शहर के जनप्रतिनिधि द्वारा भीषण गर्मी को मद्दे नजर रखते हुए जनहित में शासकीय उचित मूल्य दुकान खाद्य एवं खाद्यान्न वितरण के समय परिवर्तन को लेकर आवेदन प्रस्तुत किया गया। आवेदन के अनुसार भीषण गर्मी को देखते हुए मुख्य रूप से वृद्ध जन जो कि शासकीय उचित मूल्य दूकान से राशन प्राप्त करते हैं। उनको सहूलियत देने के लिए समय में परिर्वतन की मांग की गई थी। जिसमें सुबह 7ः00 से 12ः00 बजे तक व शाम को 4 बजे से 7ः00 बजे तक के नवीन समय के लिए मांग रखी गई थी। जनहित को ध्यान में रखकर कलेक्टर ने संबंधित  विभाग के लिए मात्र 4 घंटे के भीतर ही आदेश जारी किया।  ताकि आमजन का हित प्रभावित न हो और सुलभता के साथ उन्हें राशन प्राप्त हो सके।  
गांधी मेमोरियल स्कूल अहिवारा से संबंधित शिकायत लेकर एक पालक कलेक्टर जनदर्शन पहुंचा था। जहां उसने स्कूल प्रबंधन के ऊपर सावालिया निशान खड़े किए थे। आवेदक का कहना था कि स्कूल में हर वर्ष प्रत्येक कक्षा की पुस्तकों में परिर्वतन किया जाता है। इसके साथ ही साथ ये पुस्तकें स्कूल को कमीशन देने वाले संबंधित दुकानों में ही उपलब्ध रहती हैं। नर्सरी से प्राथमिक कक्षा तक की पुस्तकों के लिए 3 हजार से 4 हजार रूपए की राशि खर्च करनी पड़ती है। जिसका भुगतान कर पाना सामान्य वर्ग के परिवार के लिए संभव नहीं है। परंतु बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए यह पालक की मजबूरी बन जाती है, कि वो ऊंची दरों पर इन पुस्तकों को खरीदे। गरीब व मध्यमवर्गीय परिवार कमीशन के इस खेल का शिकार लगातार हो रहा है। इसलिए आवेदक का कलेक्टर से निवेदन था कि स्कूल प्रबंधन द्वारा की जा रही मनमानी पर लगाम कसी जाए। कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को इस संदर्भ में त्वरित कार्रवाई व कोई भी स्कूल प्रबंधन मनमानी न कर सके इसके लिए शिक्षा निति के तहत् तय गाईड लाईन के अनुसार स्कूल अपना संचालन करे, इसके लिए निर्देशित किया।