पत्रकारिता के नाम पर अस्पताल संचालक को ब्लैकमेलिंग, दुर्ग के तंबोली के खिलाफ अपराध दर्ज, पहले भी कर चुका है कांड
दुर्ग। पत्रकारिता के नाम पर अस्पताल संचालक को ब्लैकमेलिंग करने वाले दुर्ग के तथाकथित दबंग प्रहरी के पत्रकार तंबोली के खिलाफ मोहन नगर थाना पुलिस ने धारा 308 (3) के तहत अपराध दर्ज किया है। बता दें कि राकेश तंबोली पर कुछ वर्ष पहले रायपुर पुलिस भी कार्रवाई कर चुके है।
मोहन नगर थाना प्रभारी मोनिका पांडे के अनुसार पीड़िता श्रीमती कविता दारूका पति डॉक्टर नवीन दारूका आरोग्य अस्पताल कादंबरी नगर बाईपास दुर्ग की प्रबंध निदेशक है। लगभग 1 वर्ष पूर्व राकेश तंबोली जो इंदिरा मार्केट निवासी है,अपने आप को पत्रकार बताते हुए अस्पताल को बदनाम करने का भय दिखाकर आरोग्यम अस्पताल में पहुंचकर मरीज से पूछताछ करने लगा था।
जब कर्मचारियों ने इस पर आपत्ति दर्ज की तो उसने सूचना के अधिकार के तहत आवेदन लगाकर नवंबर-दिसंबर 2023 तथा जून 2024 में महिला एवं पुरुष वार्ड के मरीजों के बेड में उपस्थित के रजिस्टर की मांग की थी। इसके बाद वह धमकी देने लगा कि तुम लोग धंधा बना लिए हो, मरीज के जान से खिलवाड़ कर रहे हो। मुंह बंद रखना चाहते हो तो 50000 रुपए दो।
इसके बाद आरोपी अस्पताल के खिलाफ मनगढ़ंत बातें लिखकर यूट्यूब में चला दिया था। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगे जाने पर कलेक्टर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी द्वारा राकेश तंबोली के आवेदन का हवाला देकर जानकारी मांगी गई थी। प्रार्थिया ने बताया कि उन्होंने मांगी गई जानकारी उपलब्ध करा दी थी। यूट्यूब एवं न्यूज़पेपर में समाचार छपने के बाद से आरोपी के हौसले बुलंद हो गए थे। उसने पहले ढाई लाख रुपए की मांग की और कहा कि उनके अस्पताल को वह बंद कर देगा, बदनाम कर देगा। यह कहकर वह ब्लैकमेलिंग कर रहा था।
एक बार आरोपी ने अस्पताल के एक कर्मी हेमंत यादव के मोबाइल पर कॉल करके कहा कि अस्पताल प्रबंधन से कहो कि वे 10 लाख रुपए देंगे अन्यथा ठीक नहीं होगा इसके बाद आरोपी ने हेमंत यादव को कॉल करके एक जगह पर बुलाया। वहां पर कई लोग राकेश तंबोली के साथ खड़े थे। वहां पर राकेश तंबोली ने हॉस्पिटल एवं डॉक्टर की बुराई करते हुए स्टाफ के साथ गाली गलौज की। जब स्टाफ ने गाली देने से मना किया तो उसके साथ मारपीट की गई थी। परेशान होकर पीड़िता ने मोहन नगर थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
क्या है धारा 308 (3)
कोई जबरन वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति को भय में डालेगा या किसी व्यक्ति को किसी क्षति के भय में डालने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या तो जुर्माना या दोनों से।