39 महीने के एरियर्स व ट्रांसफर के संबंध में डॉ. रमन सिंह से मिले BMS का प्रतिनिधि मंडल 

39 महीने के एरियर्स व ट्रांसफर के संबंध में डॉ. रमन सिंह से मिले BMS का प्रतिनिधि मंडल 

भिलाई. भिलाई इस्पात मजदूर संघ के प्रतिनिधि मंडल ने  छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह से मिलकर बताया कि 11 फरवरी को नई दिल्ली में होने वाली एन जे सी एस की बैठक में एम ओ यू पर चर्चा होनी है जिसमें भिलाई इस्पात मजदूर संघ ( बी एम एस) की मांग पर्कस को 28% करने, जनवरी 2017 से 2020 तक 39 महीने का एरियर्स एवं 2017 से पर्कस के एरियर्स के भुगतान व अधूरे वेतन समझौता को पूर्ण करने के लिए  सहयोग मांगा।

महामंत्री चन्ना केशवलू ने डा. रमन सिंह को बताया कि  सेल कर्मचारियों का 2017 से वेतन समझौता लंबित है अभी सेल प्रबंधन द्वारा कुछ केंद्रीय यूनिन से सहमति बनाकर  बिना वेज एग्रीमेंट किये सेल कर्मचारियों को नए वेज स्ट्रक्चर के अनुसार वेतन का भुगतान कर रहा हैं. भारतीय मजदूर संघ की मांग 28% पर्कस की है जबकि सेल  प्रबंधन 26.5% पर्कस का भुगतान कर रहा है भारतीय मजदूर संघ इस पर सहमत न होने कारण वेतन समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया है.  

जिसके कारण अभी तक वेतन समझौता पूर्ण नहीं हो सका है. आधे अधूरे वेतन समझौता में कर्मचारियों के 39 महीने के एरियर्स के भुगतान का भी उल्लेख नहीं है, जिसके कारण कर्मचारियों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है . वेतन समझौता पूर्ण न होने से रात्रि पाली भत्ता, इंसेंटिव स्कीम का नवीनीकरण नहीं हुआ है जिसके कारण हर महीने कर्मचारियों को हजारों रुपए का अतिरिक्त नुकसान हो रहा है.

सेल कर्मचारियों की मांग से सहमति व्यक्त करते हुए डॉक्टर रमन सिंह ने केंद्रीय इस्पात मंत्री  ज्योतिरादित्य सिंधिया  और सेल अध्यक्ष के नाम भारतीय मजदूर संघ की मांग को प्राथमिकता देते हुए वेतन समझौता पूर्ण करने हेतु पत्र लिखे हैं एवं वेतन समझौता हेतु आंदोलन में शामिल दो कर्मचारी रामकेश मीणा एवं पवन देशवाल के स्थानांतरण को अनुचित बताते हुए उन्हें भी भिलाई स्थानांतरित करने हेतु भिलाई इस्पात मजदूर संघ की मांग पर पत्र लिखे हैं. 11 तारीख को होने वाली एनजेसीएस की बैठक मैं भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने हेतु भिलाई इस्पात मजदूर संघ का प्रतिनिधिमंडल भी जा रहा है. प्रतिनिधि मंडल में पूर्व संगठन मंत्री भारतीय मजदूर संघ योगेश दत्त मिश्रा, संयुक्त महामंत्री वशिष्ठ वर्मा, हरी शंकर चतुर्वेदी जोगेंद्र कुमार शामिल थे.