बीजापुर सड़क घोटाले में 5 अफसर गिरफ्तार, पत्रकार मुकेश की कर दी गई थी हत्या

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 73.08 करोड़ की लागत से बनी नेलसनार-कोडोली-मिरतुर-गंगालूर सड़क के निर्माण में हुए घोटाले ने न सिर्फ सरकारी सिस्टम की पोल खोल दी, बल्कि इस सच्चाई को उजागर करने वाले एक जांबाज़ पत्रकार मुकेश चंद्राकर की जान भी ले ली। अब इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए PWD (लोक निर्माण विभाग) के 5 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अफसरों में दो रिटायर्ड ईई, एक वर्तमान ईई, एक एसडीओ और एक सब-इंजीनियर शामिल हैं। इन सभी को रिमांड पर भेज दिया गया है। एक पत्रकार की आवाज़ को दबाने की कोशिश अब घोटाले की सच्चाई को और भी ज़ोर से सामने ला रही है।
SIT ने 1200 पेज की चार्जशीट में खोले राज
पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने मामले में 1200 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट तैयार की है, जिसमें कॉल डाटा, रिकॉर्डिंग्स, सीसीटीवी फुटेज और 72 गवाहों के बयान शामिल हैं। चार्जशीट में सड़क निर्माण में की गई अनियमितताओं के साथ-साथ पत्रकार की हत्या में अप्रत्यक्ष भूमिका निभाने वाले विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता का खुलासा हुआ है।
हत्या कर दी गई थी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की
युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की तीन जनवरी को हत्या कर दी गई थी। उनका शव बीजापुर के चट्टानपारा इलाके में सुरेश चंद्राकर के निर्माणाधीन मकान के सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया था। इस हत्या में अब तक चार आरोपियों—सुरेश चंद्राकर, उनके दो भाई और एक सुपरवाइजर—को जेल भेजा जा चुका है।
सड़क निर्माण बना भ्रष्टाचार का रास्ता
बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कनेक्टिविटी को मजबूत करने के उद्देश्य से इस सड़क परियोजना को स्वीकृति मिली थी। लेकिन सड़क की गुणवत्ता पहले दिन से ही सवालों के घेरे में थी। मुकेश चंद्राकर ने लगातार रिपोर्टिंग के जरिए इस घोटाले को उजागर किया, जिससे ठेकेदार और विभागीय अधिकारी दबाव में आ गए थे। और आखिरकार, उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी।
अब अफसरों पर कस रहा है शिकंजा
पत्रकार की हत्या के बाद मामला केवल हत्या तक सीमित नहीं रहा। पुलिस अब घोटाले की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है और पहली बार विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। इस मामले में और भी गिरफ्तारियां संभावित हैं।