रीपा योजना में गड़बड़ियों पर बड़ी कार्रवाई: तीन पंचायत सचिव निलंबित, जनपद सीईओ को नोटिस

रायपुर। शासन ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की महत्वाकांक्षी योजना रीपा (रूरल इंडस्ट्रियल पार्क) में हुई अनियमितताओं को लेकर सख्त रुख अपनाया है। शासन स्तर पर कराई गई जांच में गड़बड़ी और नियम प्रक्रिया के उल्लंघन की पुष्टि के बाद रायपुर संभाग के तीन पंचायत सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं, तीन तत्कालीन जनपद पंचायत सीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
संभागायुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक इन पंचायत सचिवों पर भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन, तकनीकी परीक्षण के बिना मशीनों की खरीदी, और विभाजित भुगतान जैसे गंभीर वित्तीय अनियमितता के आरोप हैं। यह सभी कार्य कर्तव्य में लापरवाही और वित्तीय अनुशासनहीनता की श्रेणी में आते हैं। रीपा योजना की जांच पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शासन स्तर पर कराई गई थी, जिसमें स्पष्ट रूप से विभिन्न स्तरों पर अनियमितताएं, प्रक्रिया की अनदेखी और वित्तीय गड़बड़ियां सामने आईं।
इन्हीं तथ्यों के आधार पर संभागायुक्त को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। फिलहाल जांच प्रक्रिया जारी है और संभावना जताई जा रही है कि आगे और भी जिम्मेदार अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। शासन की मंशा स्पष्ट है कि योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कोई भी लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निलंबित सचिवों की सूची
- शंकर साहू, ग्राम पंचायत बिरकोनी, जनपद पंचायत महासमुंद
- खिलेश्वर ध्रुव, ग्राम पंचायत गिर्रा, जनपद पंचायत पलारी, बलौदाबाजार-भाटापारा
- टीकाराम निराला, ग्राम पंचायत लटुआ, जनपद पंचायत बलौदाबाजार
जनपद सीईओ को नोटिस
संभागायुक्त महादेव कावरे द्वारा तीन तत्कालीन जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है, जिनमें रोहित नायक, तत्कालीन सीईओ, जनपद पंचायत पलारी (बलौदाबाजार-भाटापारा) रवि कुमार, तत्कालीन सीईओ जनपद पंचायत बलौदाबाजार और लिखत सुल्ताना, तत्कालीन सीईओ, जनपद पंचायत महासमुंद शामिल हैं।