सारनाथ एक्सप्रेस 76 दिनों तक रद्द, यात्री परेशान, सिसोदिया ने DRM को लिखा पत्र

सारनाथ एक्सप्रेस 76 दिनों तक रद्द, यात्री परेशान, सिसोदिया ने DRM को लिखा पत्र

भिलाई। सारनाथ एक्सप्रेस को 76 दिनों तक रद्द किए जाने से मध्य भारत और बिहार के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जन अधिकार परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण सिंह सिसोदिया ने महाप्रबंधक भारतीय रेल डीआरएम रायपुर को पत्र प्रेषित करते हुए जल्द व्यवस्था सुधारने की मांग की है। 

अरूण सिंह सिसोदिया ने बताया कि  भारतीय रेलवे सदा से देश के हर नागरिक और व्यापार की जीवन दायनी के रूप में सबसे अग्रणी रही है परंतु पिछले कई वर्षों से निरंतर रेलो को रद्द किया जाना बहुत आपत्तिजनक है। साथ ही सवारी गाड़ियों को रद्द कर मालगाड़ी को अधिक से अधिक संचालित किया जाना आम जनमानस के दिए गए टैक्स के पैसों का कहीं ना कहीं धोखा है। जैसा की बिलासपुर रेलवे जोन और डीआरएम कार्यालय रायपुर से सूचना प्राप्त हुई है कि अगले 76 दिनों तक सारनाथ एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है जिससे आम जनमानस और उत्तर भारत मध्य प्रदेश और बिहार के लोगों को अत्यंत तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है।  यह रेलगाड़ी बड़े लंबे संघर्ष के बाद प्रारंभ की गई थी और उत्तर भारतीय लोगों के द्वारा कई महीनो तक आंदोलन धरना प्रदर्शन घेराव व रेल रोको जैसे प्रयन करने गए किए गए थे, पर वर्तमान में इसका 76 दिन तक रद्द करना समझ से परे हैं।

विदित हो कि सारनाथ एक्सप्रेस दुर्ग से चलकर रायपुर बिलासपुर कटनी प्रयागराज इलाहाबाद होते हुए वाराणसी गाजीपुर और छपरा तक जाती है जिसमें लगभग 20 से 22 डिब्बे निरंतर प्रयोग में आते हैं और इस अनुपात से प्रतिदिन यह ट्रेन जाने व आने में फूल रहती है अभी जनवरी माह में प्रयाग में महाकुंभ और मौनी अमावस्या का स्नान हिंदुओं के त्यौहार को बड़े रूप में देखा जाता है और हिंदू नव वर्ष के प्रारंभ के रूप में करोड़ों की संख्या में लोग प्रयागराज इलाहाबाद संगम में स्नान करने जाते हैं। सारनाथ ट्रेन को निरस्त किए जाने के कारण उत्तर भारतीयों को और खासकर हिंदुओं को स्नान करने से वंचित रखने का एक षड्यंत्र प्रतीत होता है। अतः सारनाथ को निरस्त करने की बजाय अतिरिक्त दो या तीन ट्रेन इस दरमियान संगम स्नान के लिए चलाई जानी चाहिए अन्यथा आम जनमानस इसका पुरजोर विरोध करने हेतु बाध्य होगा।