माफिया के बेटी से मोहब्बत करना पड़ा महंगा, गायब होने के 33 दिन बाद जमीन में दबी मिली युवक की लाश

परिजनों ने पुलिस पर लगाया लापरवाही का आरोप

माफिया के बेटी से  मोहब्बत करना पड़ा महंगा, गायब होने के 33 दिन बाद जमीन में दबी मिली युवक की लाश
आरोपी करीम, फिरोज और विश्वनाथ

मृतक वजाहुद्दीन

रायपुर। उरला इलाके से 33 दिन पहले 25 सितंबर को गायब युवा ट्रांसपोर्टर वजाहुद्दीन का शव आरोपियों के निशानदेही पर रेलवे पटरी के पास जमीन खोदकर निकाली गई। गांजा तस्कर के भतीजे और उसके दोस्त ने चाकू गोदकर उसकी हत्या की और लाश रेलवे ट्रैक के किनारे सूनसान में दफ्न कर दिया था। ट्रांसपोर्टर युवक का गांजा तस्कर करीम लाला की बेटी से प्रेम संबंध था। इसी से नाराज होकर युवती के चचेरे भाई फिरोज खान ने अपने दोस्त विश्वनाथ राव के साथ मिलकर हत्या कर दी। मृतक बीरगांव निगम में एमआईसी मेंबर और पार्षद इकराम अहमद का इकराम अहमद का भतीजा था।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों ने थाने का घेराव कर दिया। देर रात विधायक सत्यनारायण शर्मा भी थाने पहुंचे थे। आरोपियों की गिरफ्तारी में लेट लतीफी को लेकर भी खूब बवाल हुआ। जब विवाद बढ़ने लगा पुलिस को मामले में कार्रवाई करनी पड़ी। इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले करीम खान और उसके दो साथी फिरोज और विश्वनाथ को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। करीम बीरगांव के दुर्गा नगर इलाके में गांजे का अवैध व्यापार चलाया करता था। फिरोज, करीम का साला है। बाबू के घर वालों ने अपनी लिखित शिकायत में शुरू से ही करीम, फिरोज पर संदेह जाहिर करते हुए कार्रवाई की मांग की थी मगर उन्हें पकड़ा तब गया जब बहुत देर हो चुकी थी। बाबू के परिजनों ने 2 अक्टूबर को इस मामले में फ दर्ज करवाई थी। तब से अब तक उरला थाने की पुलिस ने इस केस में कोई खास कार्रवाई नहीं की। बाबू के चाचा पार्षद इकराम ने खुद ररढ से मुलाकात कर इस केस को क्राइम यूनिट को सौंपने की मांग की थी। जब गुरुवार को ये केस क्राइम यूनिट के पास पहुंचा 24 घंटे के भीतर मामले में बड़ा अपडेट सामने आया। पुलिस ने फिरोज और विश्वनाथ को पकड़ा। इन दोनों ने करीम के कहने पर बाबू की हत्या करने की बात कबूली। दोनों ने बताया कि हफर कॉलोनी के पास एक जंगली हिस्से में पटरियों के पास जमीन में बाबू की लाश भी दफ्न है। शुक्रवार को इन्हें लेकर पुलिस मौके पर पहुंची। 33 दिन से लापता बाबू की लाश मौके से बरामद की गई।
वह जिस दिन गायब हुआ था। उसी दिन परिजनों ने गांजा तस्कर का नाम बताया था। लेकिन पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। जब वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने हस्तक्षेप किया, तब ट्रांसपोर्टर की हत्या का राज खुला। वजाहुद्दीन का करीम की बेटी से प्रेम संबंध था। करीम ने अपने भतीजे फिरोज से कहा कि वजाहुद्दीन को समझाए कि वह ऐसा नहीं करे। उसी के बाद 25 सितंबर की रात फिरोज ने अपने दोस्त के साथ मिलकर डब्ल्यूआरएस मैदान में वजाहुद्दीन की हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को घसीटकर सूनसान जगह पर दफ्न कर दिया। हत्या के बाद चाचा करीम लाला ने उन्हें चुप रहने को कहा। पुलिस ने तीनों को आरोपी बनाया है। शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई है। आक्रोशित परिजन और मोहल्ले वालों ने खमतराई थाना का घेराव कर पुलिस वालों के खिलाफ नारेबाजी। उसके बाद वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा थाने पहुंचे। उनके पहुंचने के बाद ही भीड़ शांत हुई। हंगामे के दौरान थाने में तनाव हो गया था। इस बीच थाने में तोड़फोड़ का हल्ला भी मच गया था।

16 माह पहले बेल पर छूटा है फिरोज
हत्याकांड का मुख्यम आरोपी फिराज खान 16 माह पहले ही हत्या के केस में जमानत पर छूटा है। बीरगांव निवासी वाजुद्दीन अहमद उर्फ बाबू (23) पिता के साथ ट्रांसपोर्ट का काम देखता था। वह 25 सितंबर की रात घर से पैदल निकाला था। उसके बाद वह घर लौटकर नहीं आया। देर रात में जब घर नहीं आया तो परिजनों ने उसे लगातार कॉल किया। उसका फोन बंद था। उसके साथियों से संपर्क किया। दूसरे दिन भी इधर-उधर तलाश की गई। जब बाबू नहीं मिला तो पुलिस में शिकायत की। परिजनों का आरोप है बाबू का अपहरण कर हत्या की गई। बाबू जिस दिन गायब हुआ उसी रात पुलिस को संदेहियों के नाम बता दिए थे। पुलिस ने दो बार उन्हें बुलाकर पूछताछ की लेकिन सबकुछ इतने नार्मल तरीके से किया कि संदेहियों ने कुछ नहीं उगला। पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। उसके बाद भी लगातार थाने के चक्कर काटते रहे, संदेहियों के बारे में बताते रहे, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। हर तरफ से निराश होकर उन्होंने वरिष्ठ विधायक के माध्यम से एसएसपी से शिकायत की। उसके बाद संदेहियों को बुलाकर सख्ती से पूछताछ की गई, तब बाबू का पता चला और मामले का खुलासा हुआ।