बीमारी से बचने और मालामाल होने तांत्रिक के कहने पर परिजनों के साथ मिलकर किया मां-बाप का कत्ल
रायगढ़। एक अगस्त को सरिया इलाके में सूरजगढ़ पुल के पास मिले दो शवों के मामले में सरिया पुलिस ने लैलूंगा और जशपुर से नाबालिग समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं एक फरार है। हत्या की वजह जादू-टोने का शक था। एक तांत्रिक के कहने पर दामाद और परिजन ने मिलकर दंपती की हत्या की थी। मारे गए दोनों लोग जशपुर बागबहार के थे। वे रायगढ़ में रहते थे। आरोपी हत्या के बाद शवों को महानदी में फेंक गांव लौट गए थे। एसपी अभिषेक मीना ने बताया शव मिलने के बाद पुलिस ने आसपास के थानों में फोटो भिजवाई थी।
सोशल मीडिया के जरिए ओडिशा के सीमावर्ती और आसपास के इलाकों में सूचना भिजवाई थी। तभी पुलिस को पता चला कि मारे गए दंपती 40 साल के सुकरू यादव और 35 साल की मनवती यादव हैं। ये दोनों महेशपुर बागबहार जशपुर के रहने वाले थे। शहर के भगवानपुर में रहकर माली का काम करते थे। इतनी जानकारी मिलने के बाद सरिया पुलिस को पतासाजी के लिए महेशपुर भेजा। पड़ताल में हत्या की वजह और लोगों का सुराग मिला। मामले में पुलिस ने नाबालिग सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है।
एक आरोपी ने बताया वे दो भाई और एक बहन है। दंपती रायगढ़ भगवानपुर में रहते थे। वे भाइयों को कुछ नहीं देते थे। गांव में खेती करने वाला भाई खुलेश्वर यादव मानसिक रूप से बीमार हो गया था। उसे लेकर ये लोग सतगुरु आश्रम झीमकी चौकी कोतबा के तांत्रिक छत्रमोहन यादव के पास गए। तांत्रिक बोला लड़के पर माता-पिता ने ही जादू किया है। तुम उनकी हत्या कर दो तो युवक ठीक हो जाएगा और आर्थिक रूप से संपन्न हो जाओगे। आरोपी ने जीजा नरसिंह यादव और चचेरे भाई राजूराम, भोले शंकर, शंकर, खगेश्वर, ईश्वर और दशरथ यादव को साथ लिया और हत्या की योजना बनाई।
30 जुलाई को किराए की बोलेरो से रायगढ़ पहुंचे। सभी दंपती के मकान में पहुंचे और कहा कि खुलेश्वर की तबीयत ज्यादा खराब है। साथ चलकर मिल लो। बोलेरो में बैठाकर उन्हें महानदी पुल के पार सरिया भटली रोड तक ले गए। गाड़ी एकांत तरफ ले गए तो दंपती ने पूछा सुनसान में किधर जा रहे हो। तभी खगेश्वर और शंकर दंपती के हाथ पकड़े और मुंह दबा दिया।
नाबालिग और दशरथ ने गमछे को फाड़ा और गले में लपेट कर घोंट दिया। रोड किनारे पड़े दो सीमेंट का खम्भों के टुकड़े को रस्सी से बांध बोलेरो से परसरामपुर महानदी पुल के ऊपर पहुंचे और शवों को पुल से फेंक दिया, फिर अपने-अपने घर चले गए। नाबालिग, नरसिंह, राजूराम, भोलेशंकर, शंकर, खगेश्वर और ईश्वर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कोतबा के तांत्रिक छत्रमोहन यादव को षड़यंत्र का आरोपी बनाया गया है।