लोक गायकों ने दी बेहतरीन गीतों की प्रस्तुति

लोक गायकों ने दी बेहतरीन गीतों की प्रस्तुति

देवदास बंजारे की स्मृति में लोककला महोत्सव, वैचारिक संगोष्ठी और सम्मान समारोह हुआ

रायपुर। पंथी सम्राट स्व देवदास बंजारे की पुण्यतिथि के अवसर पर छत्तीसगढ़ के कोना कोना से पहुचे लोककलाकारो का सुबह 11 बजे से रात्रि 8 बजे तक लोककला महोत्सव, वैचारिक संगोष्ठी और सम्मान समारोह निरंतर चलता रहा जिनमे प्रमुख रूपसे तारा कुलकर्णी, द्वारिका बरमन, अमित कमल कोसले,शशि रंगीला, मिलन रंगीला, चंदन बांधे, श्याम कुटेलिहा, हिदय अनन्त,किरण भारती, शिवा जांगड़े,सावित्री कहार, रामेशरी रंगीला, दानी राम बंजारे गोपीचंद भजन, हेमदास कुर्रे, मिलाप दास बंजारे,सुखदेव बंजारे, इतवारी राम मधुकर, सी एल रात्रे बहनाखाड़ी गौकरण दास बघेल, डेविड निराला, मनोज आडिल, आगर आनंद, यशवंत सतनामी, राजेंद्र चौहान, महंत लीलाधर दास, बुधलाल बर्रे, मोहित लता मोगरे,आदि सतनामी समाज व अन्य कला जगत के 50 से ज्यादा ख्याति प्राप्त लोककलाकारों के अलावा पंथी दल पेंडितराई, पंथी दल बोरिया, पंथी दल कुटर्श्वेर, पंथी दल बासुला रूपेश पाटिला, पंथी दल पिठौरा, पंथी दल बोडेगाव, पंथी दल दौर, पंथी दल धुसेरा, पंथी दल कोडिया, पंथी दल असणारा, गोपीचंद भजन दानी राम बंजारे, मांदरी नृत्य धमतरी, इनके अलावा सभी लोक गायकों ने अपने अपने बेहतरीन गीत प्रस्तुत किया। सतनाम भजन गायिका श्रीमती तारा कुलकर्णी के संगीत के साथ पूरा आडिटोरियम सतनाम मय और सुश्री अमृता बारले के द्वारा मैं तो कहवाला लानव गुरुआरुग फूलवा, खूबचंद बघेल के द्वारा ये माटी के काया, भूपेंद्र चाणक्य के द्वारा छुम छुम छुम छन्ना,सी डी बघेल द्वारा बरसादे बरसादे हो बरसाढे आदि एक दर्जन से ज्यादा महान हस्तियों ने सभागार को देवादास बंजारे मय कर दिया। कार्यक्रम में देवदास बंजारे सम्मान अंतरराष्ट्रीय पंथी कलाकार मिलाप दास बंजारे जरवाय को दिया गया, इनके अलावा 13 और पुरोधाओं के नाम से अलग अलग  छेत्रो में उत्कृष्ट कार्य करने वाले हस्तियों को सम्मानित किया गया, 7 हस्तियों को आदिवासी रत्न सम्मान, 5 राजमहंतो को सामाजिक समरसता सम्मान, 20 लोगों को छत्तीसगढ़ कलारत्न सम्मान,  10 लोगो को सतनामी गौरव सम्मान, 15 लोगो को  छत्तीसगढ़ पंथी रत्न सम्मान, और 51 लोगो को पंथी कला साधक संम्मान दिया गया। सभी सम्मान में मोमेंटो, गमछा, सम्मान पत्र, श्रीफल प्रदान किया गया। आयोजन उपकार पंथी लोक नृत्य कल्याण सेवा समिति कुटेशर संस्कृति विभाग, पर्यटन विभाग एवं छत्तीसगढ़ पंथी नृत्य संगठन भिलाई के सौजन्य से आयोजन किया गया। सभी सम्मानीय अतिथियों को सम्मानित किया गया जिनमें पदमविभूषण डॉ तीजन बाई, पद्मश्री भारती बंधु, पद्मश्री अनूप रंजन पांडेय, पद्मश्री  राधेश्याम बारले, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सदस्य श्री अनिल भटपहरि, के के खेलवार सेवा निवृत्त आई एफ एस , श्रीमती अर्चना पोर्ते सदस्य अनुसूचित जन जाती आयोग , के पी खांडे, भरत लाल कुर्रे, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी, बंशी लाल कुर्रे,सेवा निवृत्त एडिशनल एस पी , श्री हेमंत सांग समाज सेवी, डॉ पी बाल किशोर पूर्व सिविल सर्जन, सुश्री अमृता बारले पंथी,भरथरी व लोक गीत गायिका, नितेश गेन्द्रे जी सभी अतिथियों ने सभा को सम्बोधित किया पद्मश्री भारती बंधु का भजन ने सब का दिल छू लियाऔर सावित्री कहार की काया खण्डी भजन चोला माटी के है राम येकर का भरोषा  काया माटी के है राम गीत ने सभी दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया गुरु वंदना गीत यशवंत सतनामी के गीत से कार्यक्रम की सुरुआत किया गया। आरती गीत चुरामन दास बघेल, स्वागत भाषण छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिनीमाता सम्मान प्राप्त शुश्री अमृता बारले, आभार प्रदर्शन आयोजन समिति के अध्यक्ष दिनेश जांगड़े ने दिया।  मंच संचालन भूपेंद्र चाणक्य, दिनेश जांगड़े, भगवान दास टंडन ने किया। कार्यक्रम में सतनामी के सात धामों के संतों का विशेष सम्मान किया गया। सभी अतिथियों व 550 कलाकारों को गड़ कलेवा में छत्तीसगढ़ही ब्यजन के साथ भोजन व चाय नास्ता भी कराया गया। उक्त महोत्सव में सहदेव बंजारे, अशवन डहरिया, जोगान्स चेलक, गौतम गोयल, रूपेश पाटिला, बिरेन्द्र टण्डन, सलीम जांगड़े, राजेन्द्र टण्डन, मालिक राम लहरे, शीतल कोठारी, प्रद्युमन धृतलहरे, सुखराम जांगड़े, वेदप्रकाश महेश्वरी आदि सैकड़ो की संख्या में कलाप्रेमी, साहित्यकार, समाजसेवी, महंत, राजमहन्त, आदि सभी लोगो ने कार्यक्रम का साक्षी बने।