भ्रष्टाचार में फंसे बिलासपुर निगम के कार्यपालन अभियंता
बिलासपुर नगर निगम में पदस्थ कार्यपालन अभियंता (EE) पीके पंचायती आय से अधिक संपत्ति के मामले में ACB की राडार पर आ गए हैं। भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद ACB ने जांच शुरू कर दी है। कार्यपालन अभियंता पंचायती के खिलाफ शहर के ट्रांसपोर्टर ने शिकायत की है। इसमें अफसर की पत्नी, मां और अन्य रिश्तेदारों के नाम से खरीदी गई फार्म हाउस, प्लाट, मकान, दुकान की जानकारी देते हुए दस्तावेज भी सौंपे हैं।
ACB को सौंपे दस्तावेजों में बताया गया है कि 57 साल के पीके पंचायती नगर निगम के कार्यपालन अभियंता के पद पर कार्यरत हैं। उनकी पहली नियुक्ति नगर निगम में 10 फरवरी 1986 सब इंजीनियर के पद पर हुई थी। इसके बाद 10 जून 1990 को असिस्टेंट इंजीनियर बने। फिर 20 मार्च 2002 को गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में तीन साल प्रतिनियुक्ति पर रहे। 24 फरवरी 2017 को कार्यपालन अभियंता के पद पर नगर पालिका निगम में वापस आ गए।
वर्तमान में प्रभारी अधिकारी अमृत मिशन के साथ IHSDP आवास , विभिन्न योजनाओं के नोडल अधिकारी, स्मार्ट सीटी के मैनेजर जैसी जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। आरोप है कि 35 साल की सेवा में सभी मलाईदार पद पर रहते हुए विभाग में भ्रष्टाचार कर अरबों रुपए की चल-अचल संपत्ति अर्जित की है। ऐसे में दस्तावेजों के आधार पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1968 की 13 ( 1 ) वी , 13 ( 2 ) के तहत केस दर्ज करने की मांग की है।