पर्यावरण सरक्षण से जुड़े हरेली त्यौहार की बताई महत्व

पर्यावरण सरक्षण से जुड़े हरेली त्यौहार की बताई महत्व

भिलाई। गुरुवार को हरेली अमावस्या के अवसर पर छ.ग. श्रमजीवी पत्रकार संघ द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन कैलाश नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में किया गया। इस अवसर पर आंवला सहित विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण किया गया।
हरेली अमावस्या की महत्ता बताते हुये भिलाई ब्लाक अध्यक्ष पंडित विनोद चौबे ने बताया की वृक्ष शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम ऋगवेद में किया गया था जो यह बताता है कि हमारे पूर्वज पर्यावरण के प्रति कितने सजग थे। हरिली पर्व पर किसान अपने कृषि औजारों की पूजा करते है। घरों में बाहर प्रवेश द्वार पर बीमारियों से बचाव के लिये नीम पेड़ की पत्तियां टांगते है। गुड के चीले बनाये जाते है। पशुधन को चांवल आटे की लोदी खिलाई जाती है। किसान कुल देवता व ग्राम देवता की पूजा करते है। पार्षद नोहर वर्मा ने भी श्रावण मास की अमावस्या को मनाये जाने वाले पर्यावरण सरक्षण से जुड़े हरेली त्यौहार की महत्ता बताई। मोती श्रीवास्तव ने पौधा रोपने वालों को शपथ दिलाई कि वे रोपे गए पौधों की देखभाल अवश्य करेंगे। इस अवसर पर उपस्थित श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष राफेल थॉमस के साथ उपस्थित पत्रकारों ने अपनी समस्याओ को साझा किया।
इस अवसर पर श्रमजीवी पत्रकार संघ के दुर्ग जिला महासचिव दिनेश पुरवार, दिलेश्वर उमरे, अमित मिश्रा, हरी वर्मा, शिव वर्मा, इन्द्रभान पाटिल, प्रशांत गुप्ता, शिवम् चौबे, शुभ्रा गुप्ता, धर्मेन्द्र वर्मा सहित स्कूल के सचिव शम्भुनाथ साहा एवं स्कूल की प्रिंसिपल शैल दीदी उपस्थित थी।