टाईटैनिक जहाज को देखने पनडुब्बी से समुंदर में गए सभी अरबपतियों की मौत
विनाशकारी अंत:स्फोट में पनडुब्बी हो गई है तबाह
वॉशिंगटन (एजेंसी)। टाइटैनिक जहाज को देखने समुद्र में मीलों नीचे गए अरबपतियों के रोमांच के सफर का दुखद अंत हुआ। पनडुब्बी के लापता होने के बाद अब सभी यात्रियों को मृत घोषित कर दिया गया है। दरअसल अमेरिकी नौसेना ने रविवार को एक तेज धमाके की आवाज सुनी थी, उसी दिन टाइटैनिक समर्सिबल लापता हुई थी। अब कई दिन का सर्च अभियान चलाने के बाद भी जब पनडुब्बी का कुछ पता नहीं चल पाया तो अब सभी यात्रियों को मृत घोषित कर दिया गया है। अब बताया जा रहा है कि विनाशकारी अंत:स्फोट में पनडुब्बी तबाह हो गई है।
क्या होता है अंत:स्फोट
बता दें कि विस्फोट का उल्टा अंत:स्फोट होता है। विस्फोट में कोई भी चीज अंदर से बाहर की तरफ फटती है, वहीं अंत:स्फोट में बाहर से अंदर की तरफ दबाव के चलते धमाका होता है। समुद्र के अंदर फोरेंसिक जांच के विशेषज्ञ टॉम मैडॉक्स ने सीएनएन के साथ बातचीत में बताया कि पनडुब्बी में किसी ढांचागत खामी की वजह से, उस पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ा। माना जा रहा है कि इसी दबाव की वजह से इतना जबरदस्त धमाका हुआ होगा कि पनडुब्बी टुकड़ों में बिखर गई।
समुद्र की गहराई में छोटी सी खामी बन सकती है मौत की वजह
विशेषज्ञों का कहना है कि समुद्र की गहराई में पानी की किसी भी चीज पर दबाव बहुत ज्यादा होता है। यह चार-पांच हजार पौंड प्रति वर्ग इंच तक हो सकता है, जो धरती के मुकाबले 350 गुना ज्यादा होता है। ऐसे में पनडुब्बी में कोई छोटी सी खामी भी भारी पड़ सकती है। पनडुब्बी में छोटा सा लीक भी अंत:स्फोट का कारण बन सकता है। गौरतलब है कि यह विस्फोट मिली सेकेंड के भी एक अंश में होता है यानि की पलक झपकने से भी कम समय में पनडुब्बी में जबरदस्त विस्फोट हो गया होगा और यात्रियों को सोचने-समझने का भी समय नहीं मिला होगा।
नहीं मिल पाएंगे यात्रियों के शव
विस्फोट की तीव्रता को देखते हुए माना जा रहा है कि पांचों यात्रियों के शव नहीं मिल पाएंगे। बता दें कि टाइटैनिक जहाज का मलबा अटलांटिक महासागर में करीब 13 हजार फीट की गहराई में मौजूद है। इतनी गहराई में पानी का किसी भी वस्तु पर दबाव करीब 5600 पौंड प्रति वर्ग इंच तक हो सकता है। पनडुब्बी में किस जगह विस्फोट हुआ होगा, ये अभी पता नहीं चल सका है। यूएस कोस्ट गार्ड ने गुरुवार को कहा कि वह आगे भी सर्च अभियान जारी रखेंगे लेकिन मलबा मिलने की भी संभावना कम ही है। पूरा हादसा कैसे हुआ, इसकी टाइमलाइम का पता लगाने में समय लग सकता है।
हादसे में कब क्या हुआ
बता दें कि समर्सिबल हादसे में मारे गए पांच यात्रियों में पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश अरबपति शहजादा दाऊद, उनके बेटे सुलेमान दाऊद, ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग, फ्रांस के एक्सप्लोरर पॉल आनरी नार्जेलेट और इस एडवेंचर ट्रिप का प्रबंधन करने वाली कंपनी के सीईओ स्टॉकटन रश शामिल थे। इन लोगों ने कनाडा के न्यूफाउंडलैंड से 16 जून को अपने सफर की शुरुआत की थी। ये सभी लोग एक जहाज से पहले अटलांटिक महासागर में उस जगह पहुंचे, जहां टाइटैनिक जहाज का मलबा मौजूद है। इसके बाद 18 जून को ये सभी यात्री समर्सिबल से पानी के अंदर उतरे। सुबह 9 बजे ये लोग समुद्र की गहराई में उतरे और सुबह करीब 11.47 बजे ही पनडुब्बी का संपर्क टूट गया। पांचों यात्रियों को शाम 6.10 बजे सतह पर वापस लौटना था। जिसके बाद शाम 6.35 बजे बचाव कार्य शुरू किया गया। पनडुब्बी में 96 घंटे की ही आॅक्सीजन थी। गुरुवार को अथॉरिटीज ने सभी यात्रियों को मृत घोषित कर दिया और पनडुब्बी में अंत:स्फोट होने का खुलासा किया।