जोरो शोरो पर चल रहा हरा सोना के नाम से मशहूर तेंदूपत्ता तोड़ाई का काम
कांकोर/पखांजूर (बिप्लब कुण्डू)। भीषण गर्मी में एक ओर जहाँ लोग अपने घरों में दुबके हुए है । चारो ओर लू का कहर जारी है तो लोग ठंडक पाने एसी कूलर का सहारा ले रहे हंै । गर्मी से बचने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे है और इसके विपरीत आदिवासी अंचल में लोग तपती दोपहर में हरा सोना के नाम से मशहूर तेंदूपत्ता को जंगल से संग्रहण कर फड़ में जमा करवाकर वनोपज से अतिरिक्त आय की प्राप्ति के जुगत में लगे हुए है । जी हा हम बात कर रहे है कांकेर जिले के परलकोट क्षेत्रो के कई ग्रामों में तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू हो चुका है। प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति कापसी की अगर बात करे तो कुल 12 फड़ो में 9 फड़ में तेंदूपत्ता खरीदी की प्रक्रिया चालू है । दिनांक 13 मई दिन शनिवार तक कापसी लघु वनोपज सहकारी समिति में 4 लाख 25 हजार 540 गड्डी पत्ता (425 मानक बोरा ) की खरीदी की गई है । ठेकेदार द्वारा फड़ो में खरीदी कराई जा रही है। खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों द्वारा निगरानी की जा रही है।
कापसी प्रबंधक देवदास सिकदार ने जानकारी देते हुए कहा कि 12 फड़ो में 9 फड़ चालू है। कापसी और पीवी 130 में ठेकेदार ने खरीदी शुरू नही की है । पीवी 118 में 3 दिनो तक ठेकेदार ने तेंदूपत्ता की खरीदी करवाई है उसके बाद तेंदूपत्ता की गुणवत्ता में कमी आने के चलते वतर्मान में खरीदी बंद करवाई है जल्दी खरीदी चालू करवाई जाएगी । पीवी 119, पीवी 120 पीवी 57,पीवी 58, बड़ेकापसी, पित्तेभोडिया, डोन्डे, आलोर, कोयगांव, पीवी 122 में खरीदी प्रक्रिया चालू है।
ग्रामीणों को तेंदूपत्ता संग्रहण मूल्य 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा की जानकारी है जिसके लिए वे कड़ी धूप में मेहनत कर रहे है । इसके लिए परिवार के सभी सदस्य मिल जुलकर आपसी सहयोग से इस काम मे भिड़ रहे है। तेंदूपत्ता संग्रहण करने सुबह 5 बजे से जंगल की ओर रुख करते है और अपने साथ दोपहर का भोजन भी ले जाते है। तपती दोपहर में पेड़ के नीचे छाव मे सुस्ताने के बाद शाम से फिर सूरज ढलने तक तेंदूपत्ता संग्रहण के काम मे जुट जाते है रात को घर आकार पत्तो को सहेजकर गड्डी बनाकार फड़ो में जमा करवाते हैं।