कैट कोर्ट का आदेश, ठाकुर गौतम सिंह को भिलाई इस्पात संयंत्र 90 दिनों में करें संपूर्ण वेतन भुगतान
भिलाई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष शिक्षित स्वयंसेवक, 83 वर्षीय ठाकुर गौतम सिंह को वर्ष 1983 में अवैध रूप से भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा आरोप लगाकर निलंबित किए जाने के पश्चात वर्ष 1992 में अवैध निलंबन हटाए जाने की शर्त पर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी गई थी और उनका सम्पूर्ण अंतिम भुगतान रोक लिया गया था। कुछ वर्षों पूर्व ठाकुर गौतम सिंह ने भिलाई इस्पात संयंत्र के विरुद्ध आमरण अनशन भी किया था। उस समय तत्कालीन आईजी और अन्य स्थानीय पुलिस अधिकारियों के माध्यम से आमरण अनशन को सशर्त समाप्त करवाया गया था। प्रबंधन द्वारा कहा गया था कि ठाकुर गौतम सिंह को अंतिम भुगतान की राशि दे दी जाएगी। इसके बावजूद भी संयंत्र प्रबंधन ने अंतिम भुगतान की राशि नहीं प्रदान की। ठाकुर गौतम सिंह ने अधिवक्ता सतीश कुमार त्रिपाठी के माध्यम से केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण के समक्ष उनके साथ हुए अत्याचार के विषय में जानकारी देते हुए रोके गए संपूर्ण भुगतान को दिए जाने का आग्रह करते हुए याचिका दायर की गई थी। जिसके परिणाम स्वरुप केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण जबलपुर द्वारा याचिका पर 11 अप्रैल 2023 को अंतिम बहस के पश्चात फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। हाल ही में न्यायालय ने अपने फैसले में भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को आदेश दिया है कि ठाकुर गौतम सिंह को उनके संपूर्ण भुगतान तत्काल किए जाएं। आदेश प्राप्ति के 90 दिनों के भीतर संपूर्ण रोकी गई राशि ठाकुर गौतम सिंह को लाभ सहित प्रदान करने हेतु आदेशित किया गया है। इस निर्णय की जानकारी देते हुए ठाकुर गौतम सिंह के अधिवक्ता सतीश कुमार त्रिपाठी ने बताया है कि 1983 से अवैध निलंबन के बाद रोके गए संपूर्ण भुगतान को यदि प्रबंधन द्वारा ठाकुर गौतम सिंह को प्रदान किया जाता है तो सारा मामला समाप्त हो जाएगा। अन्यथा 90 दिनों के पश्चात न्यायालय की अवमानना कर मामला भी बन सकता है। फिलहाल लगभग 40 वर्षों के पश्चात इस प्रकार के निर्णय से उत्साहित ठाकुर गौतम सिंह ने बताया कि उनका भीषण आर्थिक और राजनीतिक शोषण किया गया था। जिसके परिणाम स्वरुप इतनी लंबी लड़ाई लडऩे के बाद अंतिम निर्णय उनके पक्ष में आया है। ठाकुर गौतम सिंह ने अपने समस्त सहयोगियों को दिल से आभार व्यक्त करते हुए खुशी जताई है।