मच्छर के स्त्रोत को खत्म करने नाला और तालाब के किनारे का होगा ट्रीटमेंट
रिसाली। जिला पायलट प्रोजेक्ट के तहत रिसाली निगम क्षेत्र में मच्छर को खत्म करने उन्मूलन कार्यक्रम चलाया जाएगा। चरणबद्ध तरीके से न केवल पानी जमा वाले चिन्हित स्थानों का ट्रीटमेंट किया जाएगा, बल्कि मच्छर भगाने पौध रोपण करने नागरिकों को प्रेरित किया जाएगा। मंगलवार को आयुक्त आशीष देवांगन व सामान्य प्रशासन विभाग प्रभारी चन्द्रभान ठाकुर की उपस्थिति में जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सीबीएस बंजारे ने सफाई सुपरवाइजर को प्रशिक्षण दिया।
जिला मलेरिया अधिकारी ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत चलने वाले मच्छर एवं लार्वा उन्मूलन कार्यक्रम को विस्तार से बताया। साथ ही सफाई सुपरवाइजरों को निर्देश दिए कि शीघ्र ही वे निगम क्षेत्र के तालाब और नाला को सूचीबद्ध करे। साथ ही ऐसे जगह को चिन्हित करे जहां पर पानी का ठहराव है। उन्होंने कहा कि नाला में जहां पानी ठहराव या झाड़ी है उसे पहले हटाए। पानी का निकासी नहीं होने पर उस स्थान पर लार्वा खाने वाली मछली छोड़े। डॉ. बंजारे ने कहा पानी ठहराव वाले स्थान पर मैलाथियान का छिड़काव करें। स्थान सूचीबद्ध होने से हम 7 दिवस के रोटेवेशन में अनिवार्य रूप से पहुंच सकते है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. बंजारे ने शोध का हवाला देते हुए बताया कि घरों में तुलसी, श्यामा तुलसी, पुदिना, दौना, अजवाइन, काली मिर्च, गेंदा, का पौध लगाने लोगों को प्रेरित करें। इन पौधों की खुशबु से मच्छर भाग जाते है। इस तरह तालाब किनारे ओडोमास, नीम, मुनगा, नीलगिरी, करन, कपूर का पौध रोपे।
प्रशिक्षण में बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग ऐसे जगहों को भी चिन्हित करें जहां पर कचरा का ढेर है। वहां पर हर सातवे दिन मैलाथियान का छिड़काव रोटेशन में करें। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग निगम की संयुक्त टीम घरों में भी दस्तक देगी। इस दौरान मच्छर को खत्म करने के तरीकों की जानकारी दी जाएगी। वहीं प्रत्येक रविवार को घरों के कूलर, फ्रिज व गमले में भरे पानी को खाली करने नागरिकों को प्रेरित किया जाएगा। इसी तरह प्रत्येक बुधवार का दिन सरकारी भवनों में लगे कूलर व अन्य जगहों की सफाई निर्धारित किया गया है। दोनों दिन को ड्राई डे के रूप में मनाया जाएगा।
जिले में मच्छर को समूल नष्ट करने अभियान में लापरवाही पर जुर्माना वसूल किया जाएगा। डोर टू डोर सर्वे के दौरान घरों में मच्छर का लार्वा मिलने पर मौके पर ही एक हजार जुर्माना वसूला जाएगा। राशि बाद में जमा करने पर यह राशि बढ़कर 5 हजार हो जाएगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला महामारी विशेषज्ञ रितिका सोनवानी, डॉ. प्याम सिंह, राजेन्द्र डहरे, महेन्द्र कौशिक, विष्णु भूआर्य, विवेक कापरे समेत निगम के प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी बृजेन्द्र परिहारी व गोपाल सिन्हा आदि उपस्थित थे।