ग्रामीणों की सूचना पर रोकी गई बाल विवाह
सूरजपुर। कलेक्टर इफ्फत आरा के निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रबेस सिंह सिसोदिया के मार्गदर्शन में संयुक्त टीम के द्वारा बाल विवाह रोकने के लिए लगातार सक्रिय है। ग्रामीण द्वारा सूचना 181 में दी गई की एक 15 वर्षीय बालिका का बाल विवाह किया जा रहा है। प्रकरण को ट्रान्सफर जिला बाल संरक्षण अधिकारी को दिया गया जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रबेस सिंह सिसोदिया के निर्देश पर संयुक्त टीम जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई, चाईल्ड लाईन एवं पुलिस के सदस्यों के द्वारा मौंके पर जा कर जांच पड़ताल की गई। जिसमें बालिका द्वारा बताया गया कि बालिका अनपढ़ है, कभी स्कुल नहीं गई और जल्द वो 18 वर्ष की हो जायेगी। जब जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि उसकी पूरी जानकारी उनके पास है आप स्कूल गई हैं, और 10 वीं तक पढ़ाई की है। काफी देर बाद टीम को अंकसूची उपलब्ध कराई गई। जिसमें बालिका का जन्म 2007 में पाया गया, जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने परिजनों को समझाया कि बाल विवाह प्रतिशेध अधिनियम 2006 के तहत् बाल विवाह करना कानूनन अपराध है। जिसमें लड़की के परिजन एवं लड़के के परिजनों को 2 वर्ष की सजा एवं 1 लाख रुपये जुर्माना से दण्डित किया जा सकता है। बालिका के उम्र हो जाने पर विवाह करने का वचन दिया। जिसका कथन पंचनामा पिता का शपथ पत्र तैयार किया गया। साथ ही लड़के पक्ष से जानकारी लेने पर पता चला कि वहां बरात की तैयारी की जा रही है उन्हें फोन के माध्यम से समझाईस दी गई। दोनों पक्ष उम्र होने पर विवाह करने का संकल्प लिया।