VIDEO बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ अत्याचार बड़ी शर्म की बात है; भारत, अमेरिका और बांग्लादेश में सड़क पर उतरे हिंदू
जिस देश की मदद से बांग्लादेश बना, उन्हीं हिंदुओं के साथ अत्याचार
नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है। क्या भारत, क्या बांग्लादेश और क्या अमेरिका, सभी जगह सड़क पर प्रदर्शन का दौर शुरू हो चुका का। लोगों का कहना है कि जिस भारत देश के मदद से बांग्लादेश बना, उन्हीं हिंदुओं के साथ अत्याचार बड़ी शर्म की बात है। लोगों का कहना है कि बांग्लादेश में युद्ध के बाद जब लोग दाने दाने को मोहताज हो गए थे तो इस्कान मंदिर से जुड़े लोगों ने पूरे विश्व से चंदा कर वहां के मुसलमानों की मदद की थी और आज उन्ही हिंदुओं पर हमले किए जा रहे हैं।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस ने भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा के प्रति नाराजगी जताई और इसे घृणित करार दिया। मोहम्मद यूनुस ने आंदोलन कर रहे छात्रों से अल्पसंख्यक हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों को बचाने की अपील की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से अल्पसंख्यकों के खिलाफ देश के 52 जिलों में हिंसा की 205 घटनाएं हो चुकी हैं। इन हिंसा की घटनाओं में सैंकड़ों अल्पसंख्यक घायल हुए हैं और कई के घर-मकान तबाह कर दिए गए हैं। कई हिंदू मंदिरों को भी निशाना बनाया गया है। हिंसा की घटनाओं में शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के दो हिंदू नेताओं की भी हत्या कर दी गई है। हजारों की संख्या में हिंदू समुदाय के लोग देश छोड़ने की फिराक में हैं।
वहीं बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा के खिलाफ अब बांग्लादेश का हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यक लोग एकजुट हो गए हैं। शनिवार को लाखों की संख्या में अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और अपनी एकजुटता दिखाई। बांग्लादेश की राजधानी ढाका और देश के दूसरे सबसे बड़े शहर चटगांव में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
हिंदुओं के खिलाफ हिंसा में वृद्धि को देखते हुए अमेरिका ने चिंता जताई। वॉशिंगटन में व्हाइट हाउस के बाहर लोगों ने इस हिंसा के खिलाफ नाराजगी जताई और प्रदर्शन किया। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका के विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने इस मुद्दे को लेकर मीडिया से बात भी की और अपनी राय रखी। उन्होंने हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
विश्व हिंदू परिषद के महेंद्र सापा ने कहा कि आज हम यहां बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की हत्या के विरोध में प्रदर्शन के लिए जमा हुए हैं। हम विदेश प्रभाग और व्हाइट हाउस से आग्रह करते हैं कि वे 1971 के नरसंहार से सबक लें और यह सुनिश्चित करें कि उन गलतियों को दाहराया न जाए। हम आग्रह करते हैं कि आरोपियों को समय पर सजा मिले और अल्पसंख्यकों की रक्षा हो।"
आखिर बांग्लादेश में क्यों भड़की हिंसा?
बांग्लादेश में 1971 में देश की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रतता सेनानियों के लिए तय किए आरक्षण के खिलाफ जुलाई में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। धीरे-धीरे ये विरोध प्रदर्शन पूरे देश में फैल गए और छात्रों द्वारा प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की जाने लगी। ये विरोध प्रदर्शन इतने हिंसक हो गए कि पांच अगस्त को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा।